बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान को फिल्मों के साथ-साथ खेलों का भी शौक हैं. उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक टीम भी खरीद रखी है. वह तीन बार खिताब जीत चुकी कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक हैं. शाहरुख खान की टीम ने एक बार ऐसा फैसला लिया था जिस पर काफी विवाद हुआ था.
2008 में शाहरुख खान ने कोलकाता नाइटराइडर्स की फ्रेंचाइजी खरीदी थी. तीन आईपीएल खिताब जीतने के बाद वह देश की सबसे लोकप्रिय और सफल टीमों में से एक के मालिक हैं. शुरुआती सीजन में केकेआर ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वसीम अकरम को टीम का बॉलिंग कोच नियुक्त करके एक महत्वपूर्ण फैसला लिया.
अकरम इस "आकर्षक नौकरी" को पाने से ठीक पहले व्यक्तिगत समस्याओं से जूझ रहे थे. वह लाहौर के एक रिहैब सेंटर में थे. अकरम नशे की लत से जूझ रहे थे, जिसने उनके खेल करियर के खत्म होने के बाद उनके जीवन पर कब्जा कर लिया था.
अपने संस्मरण सुल्तान में वसीम ने इस परेशान करने वाले दौर के बारे में खुलकर बताया और स्वीकार किया कि रिटायरमेंट के बाद पार्टी करने की वजह से वह एक अंधेरे रास्ते पर चले गए. उन्होंने बताया कि कोकीन की लत की शुरुआत इंग्लैंड में एक पार्टी में हुई थी, लेकिन जल्द ही यह लत एक गंभीर लत में बदल गई, जिसने उन्हें अस्थिर और धोखेबाज बना दिया.
जब उनकी एक्स वाइफ हुमा ने आखिरकार वसीम को कोकीन के साथ पकड़ा, तो उन्होंने उससे पेशेवर मदद लेने का आग्रह किया. वसीम ने लाहौर में रिहैब सेंटर को एक कठोर और गंभीर जगह बताया, जो फिल्मों में दिखाए जाने वाले बेहतरीन छवि से बिल्कुल अलग थी. उन्होंने यह भी पाया कि वहां का डॉक्टर एक ठग था जो पैसे के लिए परिवारों का शोषण करता था.
खराब परिस्थितियों और शोषण के बावजूद वसीम अपनी पत्नी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर सात सप्ताह तक रिहैब सेंटर में रहे. आखिरकार, हुमा को भी एहसास हुआ कि यह सुविधा एक धोखा है, लेकिन वसीम इससे बाहर निकलकर और भी मजबूत हो गए और एक नई शुरुआत के लिए तैयार हो गए.
रिहैब से बाहर आने के बाद जीवन ने वसीम को दूसरा मौका दिया. शाहरुख खान ने उन्हें 2010 में केकेआर में गेंदबाजी कोच की भूमिका की पेशकश की, जो उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ था. वसीम 2015 तक टीम के गेंदबाजी कोच के रूप में काम करते रहे. अब वह क्रिकेट एक्सपर्ट और कमेंटेटर की भूमिका में नजर आते हैं.
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