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Knowledge News: क्या प्राचीन योद्धाओं के पास होते थे ऐसे डंबल? कैसे दिखते थे जरा देख लें तस्वीरें

Knowledge News: क्या आपने कभी सोचा कि प्राचीन स्पार्टन्स डंबल का इस्तेमाल करते थे? ग्रीक इतिहास की जानकार गिओटा डेटसी के अनुसार, प्राचीन स्पार्टन्स के पास डंबल हुआ करते थे. इन्हें यूनानी भाषा में "हाल्टेरेस" कहा जाता था. 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व से इनके इस्तेमाल के सबूत मिलते हैं. ये पत्थर या धातु से बनाए जाते थे और इनका वजन 2 से 9 किलो (4 से 20 पाउंड) के बीच होता था. आइए इस रोचक इतिहास को जानें.

 

हाल्टेरेस: प्राचीन डंबल

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हाल्टेरेस: प्राचीन डंबल

प्राचीन स्पार्टा और एथेंस में हाल्टेरेस का इस्तेमाल वेटलिफ्टिंग और लंबी कूद के लिए होता था. लंबी कूद में एथलीट दोनों हाथों में 1 किलो (2.2 पाउंड) वजन के हाल्टेरेस पकड़ते थे, जिससे वे 3 मीटर (10 फीट) की कूद में 17 सेंटीमीटर (7 इंच) ज्यादा दूरी तय कर पाते थे. स्पार्टन्स 5 किलो (11 पाउंड) के पत्थर के वजन से अपनी बाहों को मजबूत करते थे. ये हाल्टेरेस आधुनिक डंबल की तरह ही थे, जो ताकत बढ़ाने में मदद करते थे.

 

प्राचीन बारबेल और व्यायाम

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प्राचीन बारबेल और व्यायाम

प्राचीन यूनानियों के पास एक बारबेल जैसा उपकरण भी था. इसमें एक छड़ के दोनों सिरों पर भारी थैले बंधे होते थे, जो आज की बेंच प्रेस की तरह काम करता था. ये थैले रेत या अन्य भारी चीजों से भरे होते थे. स्पार्टन्स और एथलीट्स इनका इस्तेमाल भारी व्यायाम के लिए करते थे. यह दिखाता है कि वेटलिफ्टिंग प्राचीन समय में भी एक लोकप्रिय खेल था, जो न केवल स्पार्टा बल्कि चीन, भारत और मिस्र में भी प्रचलित था.

 

मिलो की बछड़े वाली कहानी

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मिलो की बछड़े वाली कहानी

प्राचीन यूनान के प्रसिद्ध एथलीट मिलो ऑफ क्रोटन की एक कहानी मशहूर है. किंवदंती है कि मिलो ने एक छोटे बछड़े को हर दिन उठाना शुरू किया. जैसे-जैसे बछड़ा बड़ा हुआ और बैल बन गया, मिलो उसे सार्वजनिक प्रदर्शन में उठाने लगा. यह कहानी आधुनिक स्ट्रॉन्गमैन जैसे ईरानी-जर्मन पैट्रिक बाबूमियन की तरह है. हालांकि, इतिहासकार मानते हैं कि मिलो ने शायद रेत के थैलों से प्रोग्रेसिव ओवरलोड ट्रेनिंग की होगी. बैल की कहानी एक प्रेरक मिथक है, जो उनकी ताकत को दर्शाती है.

 

प्रदर्शन में अनोखे तरीके

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प्रदर्शन में अनोखे तरीके

प्राचीन यूनानी एथलीट्स, आधुनिक स्ट्रॉन्गमैन की तरह प्रदर्शन के दौरान प्रभावशाली चीजें उठाते थे. रेत के थैलों की जगह वे कभी-कभी भारी वस्तुओं का इस्तेमाल करते थे ताकि दर्शक हैरान हों. मिलो जैसे एथलीट्स अपनी ताकत दिखाने के लिए ऐसे प्रदर्शन करते थे. यह प्राचीन और आधुनिक वेटलिफ्टिंग के बीच एक रोचक समानता है.

 

प्राचीन खेल की विरासत

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प्राचीन खेल की विरासत

यह इतिहास बताता है कि वेटलिफ्टिंग और डंबल का इस्तेमाल प्राचीन समय से होता आ रहा है. स्पार्टन्स और अन्य सभ्यताओं ने ताकत और फुर्ती बढ़ाने के लिए हाल्टेरेस जैसे उपकरणों का उपयोग किया. मिलो की कहानी और हाल्टेरेस के सबूत हमें प्राचीन यूनान की खेल संस्कृति की झलक देते हैं. यह दिखाता है कि मानव ने हमेशा अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजे हैं.

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