Bollywood Flop Star Kid: बॉलीवुड में कई स्टार किड्स ने अपने माता-पिता से ज्यादा नाम कमाया, लेकिन कुछ अपनी पहचान नहीं बना पाए. आज हम आपको इंडस्ट्री के एक ऐसे ही दिग्गज सितारे के बेटे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, लेकिन सफलता हासिल नहीं कर पाए और धीरे-धीरे इंडस्ट्री से गायब हो गए. क्या आपने इन्हें पहचाना?
बॉलीवुड में कई स्टार किड्स ने अपने माता-पिता से ज्यादा नाम कमाया, लेकिन कुछ अपनी पहचान बनाए बिना ही इंडस्ट्री से गायब होते चले गए. इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए सिर्फ नाम ही काफी नहीं होता, बल्कि टैलेंट और सही फिल्मों का चुनाव भी जरूरी होता है. आज हम आपको हिंदी सिनेमा के एक दिग्गज अभिनेता के बेटे के बारे में बताने जा रहे हैं. उन्होने अपने अभिनय से इतिहास रच दिया, लेकिन उनके बेटे का फिल्मी सफर बहुत जल्द खत्म हो गया. क्या आपने इन्हें पहचाना?
वैसे तो आप में से शायद ज्यादातर लोगों ने इस एक्टर को 90 के दौर में जरूर देखा होगा. ये कोई और नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अमर होने वाले दिग्गज अभिनेता अमजद खान के बेटे शादाब खान हैं. 20 सितंबर, 1973 को शाबाद ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए इंडस्ट्री में कदम तो रखा, लेकिन वो पहचान नहीं बना पाए, जो उनके पिता ने बनाई. शादाब ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ निर्माण और अभिनय की दुनिया में कदम रखा.
शाबाद ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म एडिटिंग से की थी और कई बड़ी फिल्म एडिटर्स के साथ काम किया. शादाब ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1997 में फिल्म 'राजा की आएगी बारात' से की, जिसमें उन्होंने रानी मुखर्जी के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी. हालांकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही. इसके बाद उन्होंने 'बेताबी' (1997), 'हे राम' (2000), 'रिफ्यूजी' (2000) और 'भारत भाग्य विधाता' (2002) जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन सभी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं.
उन्होंने इंडस्ट्री में लगभग 5 साल काम किया और कुल 6 फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन कभी वो पहचान नहीं कमा पाए, जिसके लिए उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए इंडस्ट्री में कदम रखा था. शादाब ने 2023 में मलाइका सकलैन से शादी की, जो पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और कोच सकलैन मुश्ताक की बेटी हैं. शादाब और मलाइका का एक बच्चा है. शादाब की टोटल नेटवर्थ लगभग $1.5 मिलियन (लगभग ₹12 करोड़) है. उनकी कमाई फिल्मों, ब्रांड एंडोर्समेंट्स और दूसरे वेंचर्स से होती है.
शादाब ने एक पुराने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वे 'राजा की आएगी बारात' से डेब्यू नहीं करना चाहते थे. शादाब खान ने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ने के बाद निर्देशन और लेखन में हाथ आजमाया. उन्होंने 'दिल्ली 47 KM' (2018) और 'रबिया एंड ओलिविया' (2019) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. फिलहाल वे फिल्म निर्माण और लेखन में एक्टिव हैं और नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. उनकी कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे उन्होंने अपने करियर में अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता हासिल कर सकते हैं.
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