India Pakistan Ceasefire LIVE: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब रहने वाले लोग आखिरकार बारामुल्ला के उरी और कुपवाड़ा के टंगडार जैसे इलाकों में अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का सबसे ज्यादा खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ा. कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ और अखनूर जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में लाखों की संपत्ति नष्ट हो गई.
फोटो क्रेडिट: (वीडियो ग्रैब और सोशल मीडिया)
भारत-पाकिस्तान के तनाव का खामियाजा सीमावर्ती गांवों के रहने वाले लोगों ने भुगता है. तबाही के निशान बाकी हैं. दिल में लगे और घर की दीवारों पर लगे निशान भी अभी बाकी हैं. LoC के करीब रहने वाले लोगों ने अपने घर, व्यावसायिक संपत्तियां, कारें और वाहन खो दिए हैं. मस्जिदों, मंदिरों और गुरुद्वारों सहित धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा है. मवेशी और खेत भी नष्ट हो गए.
संघर्ष विराम के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों में काफ़ी राहत की सांस ली है. व्यावसायिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं और लोग फिर से सड़कों पर निकल आए हैं. श्रीनगर एयरपोर्ट खुल गया है और मंगलवार से उड़ानें शुरू होंगी. विभिन्न इलाकों में स्कूल, कॉलेज और संस्थान भी खुलने की संभावना है. सीमा पर बंदूकों की आवाज शांत होने के बाद विस्थापित लोग अपने घर लौट रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब रहने वाले लोग आखिरकार बारामुल्ला के उरी और कुपवाड़ा के टंगडार जैसे इलाकों में अपने आशियानों की ओर लौट रहे हैं.
स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का सबसे ज्यादा खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ा है. कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ और अखनूर जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में लाखों की संपत्ति नष्ट हो गई
सीमा पार से भारी गोलाबारी शुरू होने के बाद से नागरिक आबादी कॉलेजों और अन्य सरकारी सुविधाओं में शरण लेने गई थी. एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तान की गोलाबारी में करीब 22 नागरिक मारे गए हैं.
उरी के करीब छह गांवों को अब तक साफ किया जा चुका है और लोगों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी गई है.
उरी के विधायक सज्जाद शफी ने कहा, हम जिला प्रशासन के आभारी हैं जो पिछले एक सप्ताह से सीमावर्ती गांवों के लोगों की देखभाल कर रहे हैं. मैं बारामुल्ला के लोगों का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने उरी के लोगों के लिए अपने घर, होटल खोले हैं. मैं उनका बहुत आभारी हूं और अगर उन्हें कभी हमारी मदद की जरूरत पड़ी तो हम हमेशा आगे आएंगे.मैं गुरुद्वारा समिति का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इलाके में हमारे हिंदू और सिख परिवारों की देखभाल की है.
सज्जाद शफी ने कहा मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि सभी गांवों को एक-एक करके सैनिटाइज किया जा रहा है। अब तक छह गांवों को सैनिटाइज किया जा चुका है और हमने उनके लिए बसें रखी हैं और वे अब अपने घरों में जा सकते हैं और इन परिवारों से अनुरोध है कि अगर उन्हें कोई गोला या कुछ भी मिले तो कृपया जल्द से जल्द अधिकारियों को सूचित करें और हमें यकीन है कि शाम तक अन्य गांवों को भी साफ कर दिया जाएगा.
स्थानीय लोगों ने कहा, 'विधायक ने हमें वापस घर जाने के लिए गाड़ियों का इंतज़ाम किया है. हम वापस अपने घर जा रहे हैं और हम सिर्फ़ शांति चाहते हैं. हम पाँच-छह दिन बाद जा रहे हैं. हमारे घर तबाह हो गए हैं और जल गए हैं और सरकार को अब हमारी मदद करनी चाहिए और इस गोलाबारी को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए. मेरा घर क्षतिग्रस्त हो गया है, मेरे दो चाचाओं ने अपने दोनों घर खो दिए हैं और हमारे परिवार में पाँच लोग घायल हुए हैं.
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