World Interesting Facts: सोचिए, एक ऐसा देश जो अपनी मुद्रा छापता है, चुनाव कराता है और अपनी सेना रखता है. फिर भी वह दुनिया के आधिकारिक नक्शों में कहीं नहीं मिलता! इस अद्भुत देश का नाम है सोमालीलैंड (Somaliland).अफ्रीका के हॉर्न यानी उत्तरी सिरे पर बसा रहस्यमयी इलाका जो खुद को आजाद देश घोषित कर चुका है लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ उसके अस्तित्व से इनकार करता है.
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सहयोगी वेबसाइट WION के मुताबिक, सोमालीलैंड अदन की खाड़ी से सटा देश है. इसी खाड़ी से होकर दुनिया का एक बड़ा हिस्सा तेल और माल ढुलाई का सफर तय करता है. यानी समंदर में इसका दबदबा किसी ताकतवर देश से कम नहीं है. इसके बावजूद कागजों में अब भी इस देश को सोमालिया का हिस्सा माना जाता है. यह कुछ वैसा ही है जैसे कोई कप्तान जहाज चला रहा हो पर उसकी मौजूदगी को ही अमान्य कह दिया जाए.
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करीब 50 लाख लोगों की आबादी वाला सोमालीलैंड अपने लोगों से कर टैक्स वसूलता है, सीमाएं संभालता है और अंतरराष्ट्रीय समझौतों में हिस्सेदारी की चाह रखता है. लेकिन जब दुनिया के नक्शे पर निगाह डालो तो वहां इसका कहीं नाम तक नजर नहीं आता! एक तरह यह वो 'भूतिया देश' है, जो समंदर पर हुकूमत करता है, मगर दुनिया के रिकॉर्ड में अस्तित्वहीन है.
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जहां अफ्रीका के कई हिस्से हिंसा और अशांति से आज भी जूझ रहे हैं. वहीं सोमालीलैंड पिछले कई वर्षों से लगातार शांतिपूर्ण चुनाव करवाकर स्थिर लोकतंत्र की मिसाल पेश करता रहा है. यहां पर अपनी संसद है, सरकार है, जो देश से जुड़े फैसले लेती है. लेकिन दुनिया के बड़े मंचों पर इसकी आवाज़ दब जाती है, क्योंकि आधिकारिक तौर पर इस देश का अस्तित्व ही नहीं माना जाता.
जियो पॉलिटिकल एक्सपर्टों के मुताबिक, अदन की खाड़ी के नीचे तेल, गैस और मछलियों की अपार दौलत दबी है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मान्यता के अभाव में सोमालीलैंड कानूनी तरीके से इन संसाधनों का इस्तेमाल नहीं कर सकता. दुनिया की नज़रों में यह देश ‘नो-एंट्री ज़ोन’ कहलाता है यानी वह जगह जहां संपत्ति है, लेकिन स्वामित्व नहीं.
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चूंकि अदन की खाड़ी का समुद्री रास्ता पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की नब्ज है. इसलिए चीन से लेकर अमेरिका तक सभी बड़ी ताकतें इस खाड़ी पर नजर रखती हैं. इथियोपिया जैसे कुछ देश इसे मान्यता देने का संकेत देते हैं. हालांकि आधिकारिक मोहर आज तक किसी ने नहीं लगाई है.
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