वुल्फ स्नेक को देखते ही लोगों में खौफ पैदा हो जाता है और उसे करैत स्नेक समझकर ऑन द स्पॉट जान से मार देते हैं. यही वजह है कि इस सांप को दुनिया का सबसे अनलकी सांप कहा जाता है. वुल्फ स्नेक अक्सर छिपकलियों को खाने के लिए घरों के अंदर घुस जाते हैं और घर में जैसे ही लोग इस सांप को देखते हैं तो खुद की सुरक्षा के लिए तुरंत ही मार देते हैं.
इस गैर-विषैले वुल्फ सांप की तीन तरह की प्रजातियां होती हैं. पहला कॉमन वुल्फ, दूसरा बार्ड वुल्फ और तीसरा ट्विन स्पॉटेड वुल्फ होता है. तीनों ही गैर-विषैले होते हैं लेकिन सभी करैत सांप की तरह मालूम पड़ते हैं. भारत के उत्तरी इलाके समेत कई जगहों पर यह सांप देखे जाते हैं. इंडियन वुल्फ सांप को वैज्ञानिक रूप से लाइकोडॉन औलिकस (Lycodon aulicus) कहते हैं जो एक गैर-विषैला सांप है.
इसे आमतौर पर इंडियन वुल्फ स्नेक कहा जाता है. यह भारत में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला सांप है. भारत के अलावा, यह दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी आम है. यह सांप गैर-विषैला है और करैत जैसे दिखने के कारण मशहूर है. इसकी खासियत यह है कि यह करैत स्नेक की तरह दिखता है, जिससे लोग इसे देखकर डर जाते हैं. लेकिन यह पूरी तरह हानिरहित है. इसका रंग और व्यवहार इसे अन्य सांपों से अलग बनाता है.
भारतीय भेड़िया सांप भारत के लगभग हर राज्य में पाया जाता है. इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, जम्मू-कश्मीर, दमन और दीव, दिल्ली, पुदुचेरी और मिजोरम शामिल हैं. यह सांप गांवों और शहरों दोनों में दिख सकता है.
वुल्फ स्नेक अपनी मौजूदगी से लोगों को खौफ में डाल देते हैं, जिससे लोग उसे करैत स्नेक समझकर मारने के लिए मजबूर हो जाते हैं. अन्य वुल्फ स्नेक जैसे बार्ड या पीले कॉलर वाला वुल्फ स्नेक दिखने में इससे मिलते-जुलते हैं. यह शहरों में भी आम है और इसके रंग और रक्षात्मक मुद्रा के कारण लोग इसे करैत समझ लेते हैं. इसके रंग बदलते रहते हैं, जबकि अन्य सांपों के बैंडिंग पैटर्न या कॉलर अधिक निश्चित होते हैं.
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