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ये छोटी-छोटी गलतियां बन सकती हैं ओवरी गांठ का कारण, तो तुरंत सुधार लें

ओवरी में सिस्ट की समस्या बहुत आम होती जा रही है. खासतौर पर 20 से 40 साल की उम्र की महिलाओं में यह अधिक देखी जाती है. हालांकि ओवरी में बनने वाली ये गांठें जानलेवा नहीं होती हैं. लेकिन यह दर्द, अनियमित पीरियड्स या प्रेग्नेंसी में दिक्कत जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है. ऐसे में उन चीजों से बचना जरूरी है जो इसके जोखिम को बढ़ाते हैं. 

अनहेल्दी डाइट

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अनहेल्दी डाइट

बहुत ज्यादा तला-भुना, जंक फूड, मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने से शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है. इससे ओवरी में सिस्ट बनने की संभावना बढ़ जाती है.

 

पीरियड्स को नजरअंदाज करना

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पीरियड्स को नजरअंदाज करना

अगर पीरियड्स समय पर नहीं हो रहा है या बहुत ज्यादा दर्द, ब्लीडिंग या अनियमितता हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें. ये लक्षण पीसीओएस या ओवरी सिस्ट की तरफ इशारा कर सकते हैं.

मोटापा

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मोटापा

अधिक वजन या मोटापा भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है, जो सिस्ट बनने की संभावना को बढ़ा सकता है. वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है.

फिजिकल एक्टिविटी की कमी

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फिजिकल एक्टिविटी की कमी

शरीर को एक्टिव न रखना, दिनभर बैठकर काम करना या बिल्कुल भी एक्सरसाइज न करना शरीर के मेटाबॉलिज्म और हार्मोन को प्रभावित करता है. जिससे ओवरी सिस्ट का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 

नींद पूरी न लेना

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नींद पूरी न लेना

नींद की कमी से शरीर में तनाव बढ़ता है और हार्मोन गड़बड़ा जाते हैं, जो ओवरी सिस्ट का एक मुख्य कारण है. ऐसे में रोज कम से कम 7–8 घंटे की नींद लेना जरूरी है.

स्ट्रेस लेना

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स्ट्रेस लेना

लगातार मानसिक तनाव लेना हार्मोन पर असर डालता है. स्ट्रेस को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह ओवरी की सेहत को सीधा प्रभावित करता है.

 

बिना सलाह के दवाइयां लेना

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बिना सलाह के दवाइयां लेना

हार्मोनल दवाइयां या पेन किलर्स को बिना डॉक्टर की सलाह के लेना भी ओवरी को नुकसान पहुंचा सकता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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