पीपल का पेड़ हिंदु धर्म में पूजनीय है. शास्त्रों में इसे स्वयं भगवान विष्णु के रूप में दर्शाया गया है. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है. शनि, राहु, केतु जैसे उग्र ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
शनिवार के दिन पीपल के नीचे दीपक जलाना एक आसान और असरदार उपाय है जिसको करने से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का असर कम होता है. यह छोटा सा उपाय बड़े परिणाम देता है.
दीपक की लौ केवल रौशनी नहीं बल्कि सूर्य तत्व का प्रतीक है. दीपक का लौ जब पीपल के नीचे हो तो एक साथ ग्रहों के राजा सूर्य, न्याय के ग्रह शनि, छाया ग्रह राहु-केतु जैसे ग्रह अपने आप ही संतुलन हो जाते हैं और कुंडली में स्थिरता और शांति लाते हैं.
शनिवार और मंगलवार के दिन अगर इस उपाय को किया जाए तो शनि ग्रह के साथ ही मंगल की उग्रता को भी शांत किया जा सकता है. ऐसा करने से जीवन में आने वाली अनेक अनेक बाधाओं का अंत होता है. गुस्सा काबू में रहता है.
आप जब भी पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं तो इसके लिए तिल या सरसों का तेल और रूई की बाती को ही इस्तेमाल में लाएं. शनिदेव की प्रसन्नता के लिए व कुंडली में मौजूद शनि दोषों को शांत करने का यह एक आसान तरीका हैं.
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से साधक की ऊर्जा केंद्र पूरी तरह से सक्रिय होने लगते हैं. इससे अनेक लाभ होते हैं जैसे मानसिक शांति की प्राप्ति, आध्यात्मिक उन्नति और आत्म जागृति, ऐसे होने पर साधक जीवन में आगे बढ़ पाता है. साथ ही आर्थिक दिक्कतें दूर करने के भी रास्ते खुलते हैं.
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने के उपाय को अगर पूरी श्रद्धा, ध्यान और विश्वास से करें तो यह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया या पूजा का एक भाग नहीं रह जाता है बल्कि आत्मिक ऊर्जा का एक जरिया बन जाता है. इससे आत्मबल बढ़ता है, निर्णय लेने की शक्ति के साथ ही जीवन की सकारात्मकता में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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