साल 1991 में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन एक फिल्म रिलीज हुई थी जो कि अब तक लोगों को एंटरटेन कर रही है. वहीं इस कल्ट क्लासिक फिल्म में सुपरस्टार की एक्टिंग ने सभी की आंखे नम कर दी थीं.
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आज हम आपको राजेश खन्ना की उस फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि आगे चलकर भारतीय सिनेमा की सबसे चर्चित क्लासिक फिल्मों में से एक बन गई थी. ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित की गई इस फिल्म को देखने के लिए लाखों की भीड़ थिएटर के बाहर इकट्ठा हो गई थी.
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राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, सुमिता सान्याल, जॉनी वॉकर और दारा सिंह के एक छोटे से रोल ने फिल्म 'आनंद' को एक ऐसी कहानी के रूप में पेश कर दिया था, जिसने पीढ़ियों तक लोगों को असली सिनेमा का अनुभव दिया था.
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फिल्म 'आनंद' को महज 30 लाख रुपये के मामूली बजट में तैयार किया गया था. लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 1 करोड़ रुपये की तगड़ी कमाई की, जो की उस समय में एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इस फिल्म में राजेश खन्ना के किरदार आनंद ने कई लोगों के दिल को छू लिया था, जिसने फिल्म की कामयाबी में एक अहम रोल प्ले किया था.
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सुपरस्टार राजेश खन्ना द्वारा एक गंभीर रूप से बीमार मरीज आनंद का किरदार, जो जीवन को आशावाद के साथ अपनाता है, और अमिताभ बच्चन एक आत्मनिरीक्षण करने वाले डॉक्टर की भूमिका ने फैंस के मन को छू लिया था. इस फिल्म का क्लाइमेक्स, जो अपनी दुखद अंत के लिए याद किया जाता है, बार-बार देखने के बाद भी आंखों में आंसू ला देता है.
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फिल्म 'आनंद' में राजेश खन्ना द्वारा बोले जाने वाले शब्द "बाबूमोशाय", भारतीय सिनेमा में अमर हो गए थे. यह शब्द एक्टर राज कपूर से लिए गए थे,वो इन शब्दों से ऋषिकेश मुखर्जी को प्यार से बुलाया करते थे.वहीं मुखर्जी ने बाद में खुलासा करते हुए बताया था कि फिल्म 1960 के दशक के अंत में कपूर की बीमारी से इंस्पायर थी.
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