Sindoor In Hinduism: सिंदूर से मांग भरने का विधान हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. हर सुहागिन के लिए ये अनिवार्य होता है कि अपने पति के नाम का सिंदूर अपनी मांग में सजाएं. हर सुहागिन के सर का ताज सिंदूर होता है.
हिंदू धर्म में सिंदूर का विशेष महत्व है, सोलह श्रृंगारों में से एक इस सिंदूर को विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सजाती हैं. आइए जानें हिंदु धर्म में सिंदूर का क्या महत्व है और सुहागिन महिलाएं इसे क्यों अपने मांग में भरती हैं.
सिंदूर का भक्ति से संबंध देखें तो हनुमान जी को जब सिंदूर चढ़ाया जाता है तो वे अति प्रसन्न होते हैं. अपने भक्तों की सभी परेशानियों को दूर करते हैं. इस तरह हिंदू धर्म में सिंदूर का महत्वपूर्ण होने का एक कारण ये भी बड़ा है.
सिंदूर को हिंदू धर्म में सुहाग प्रतीक माना गया है जिसे विवाहित महिला अपनी मांग में धारण करती है. मान्यता है कि पति के नाम का सिंदूर मांग लगाने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
पति पर आए संकट दूर होते हैं और घर में सुख-शांति बढ़ती है. सिंदूर लगाने से पति-पत्नी के बीच रिश्ता मधुर बना रहता है. महिलाएं जब मांग में सिंदूर लगाती हैं तो वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है.
पौराणिक मान्यताएं हैं कि जो विवाहित महिला मांग में सिंदूर भरती है देवी पार्वती उनकी रक्षा करती हैं और दापत्य जीवन पर कृपा बनाए रखती है. सुहागिन जब लाल सिंदूर से अपनी मांग सजाती हैं तो पति की आयु लंबी होती है. महिलाओं के लिए सिंदूर शुभता का प्रतीक भी माना जाता है.
ऐसी मान्यता है कि एक महिला की मांग में जब उसका पति सिंदूर भर देता है तो महिला को हर दिन स्नान करके, बालों में कंघी करके खुद ही सिंदूर मांग में भरने का नियम है. पति के जीवित रहते हुए नियम पूर्वक महिला को अपनी मांग में सिंदूर लगना चाहिए, ऐसी परंपरा चली आ रही है. ने की भरती हैं. ऐसा करने से उनके पति को बुरी शक्तियों से छुटकारा मिल जाता है.
महिलाएं जब मांग में लाल सिंदूर भरती हैं तो महिला की सकारात्मकता में बढ़ोत्तरी होती है. जिससे घर में सुख समृद्धि आती है. सिंदूर का जिसका असर उसके पति पर भी होता है साथ ही उसे सेहतमंद भी बनाता है. इसके अलावा सिंदूर महिलाओं को कई दोषों को दूर करता है.
कथा प्रचलित है कि माता सीता अपने श्रृंगार के समय श्रीराम के नाम का सिंदूर अपने मांग में भरती थीं. एक बार जब हनुमानजी ने माता सीता को सिंदूर लगाते देखा तो सिंदूर लगाने का कारण पूछा. जिस पर सीता जी ने बताया कि सिंदूर लगाने से प्रभु राम प्रसन्न होते हैं. ऐसे में हनुमान जी ने अपने आराध्या श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया था.
मान्यता है कि महिला जिस व्यक्ति के नाम का सिंदूर लगाती है उसकी आयु लंबी होती है और पति की अकाल मृत्यु नहीं पाती. पति बड़ी से बड़ी संकटों को पार कर जता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता लक्ष्मी के सम्मान के प्रतीक के रूप में सिंदूर को देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस धरती पर पांच जगहों पर मां लक्ष्मी निवास करती हैं. पहला स्थान स्त्री का सिर है, ध्यान दे तो महिलाएं सिर पर ही सिंदूर सजाती हैं. सिंदूर सुहागिन स्त्रियों के सौंदर्य को बढ़ाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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