Father of Brahmos: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव बढ़ गया था. 7 मई को भारत ने आतंकवाद के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और कई आतंकियों को ढेर किया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान का करारा जवाब देने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा था "आपने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की एक झलक ज़रूर देखी होगी. अगर नहीं देखी है, तो पाकिस्तान के लोगों से ही पूछ लीजिए कि ब्रह्मोस मिसाइल कितनी ताकतवर है." क्या आप जानते हैं इस खतरनाक मिसाइल को किसने बनाया, कौन कहलाया जाता है 'फादर ऑफ ब्रह्मोस'. आइए जानते हैं.
डॉ शिवाथनु पिल्लई को 'फादर ऑफ ब्रह्मोस' कहा जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि पिल्लई ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) के संस्थापक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) हैं. यह कंपनी भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroyeniya) के बीच एक जॉइंट वेंचर है.
ISRO के साथ काम करते हुए, पिल्लई ने विक्रम साराभाई, सतीश धवन और APJ अब्दुल कलाम जैसे महान लोगों के साथ भारत के बड़े अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया. उन्हें भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और पद्म श्री, से सम्मानित किया जा चुका है आपको बता दें कि इसरो में, पिल्लई SLV III की कोर टीम के सदस्य भी थे. ग्रेजुएशन की बात करें तो मद्रास विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिल्लई ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. उन्होंने 1986 में DRDO जॉइन किया था.
ब्रह्मोस की वेबसाइट के अनुसार, पिल्लई ने ब्रह्मोस के जॉइंट वेंचर के यूनीक कॉन्सेप्ट को विकसित किया, जो क्रूज मिसाइलों के परिवार में दुनिया का एक बड़ा नाम है. शुरुआती दिनों में उन्हें भारत की तरफ से इस जॉइंट वेंचर के पीछे की सबसे बड़ी ताकत माना जाता था.
'ब्रह्मोस' नाम दो नदियों के नामों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी का नाम शामिल हैं. ये नाम भारत और रूस के बीच ब्रह्मोस के विकास के लिए जॉइंट वेंचर को दर्शाता है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ब्रह्मोस मिसाइल के लगभग 83 प्रतिशत हिस्से भारत में ही बनाए जाते हैं.
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. यह 2 स्टेज वाला हथियार है. पहली स्टेज में, इसे एक ठोस ईंधन वाला बूस्टर लॉन्च करता है, जो उड़ान भरने के बाद अलग हो जाता है. आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत के पास मौजूद ताकतवर मिसाइलों में से एक है. इसकी रेंज लगभग 450 किलोमीटर है. ये मिसाइल 2.8 Mach की स्पीड से उड़ सकती है, जो ध्वनि की स्पीड से लगभग तीन गुना ज्यादा है.
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