Success Story: IAS आयुषी कई बार डगमगाईं, छोड़ने का आया ख्याल, फिर ऐसे बदली किस्मत

Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए हिम्मत और धीरज के साथ ही जूनून होनी भी बहुत जरूरी है. आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी के लिए अपनी अच्छी खासी जॉब और एमबीए की पढ़ाई तक छोड़ दी थी. हम बात कर रहे हैं आईएएस आयुषी प्रधान के बारे में. आइए जानते हैं इस महिला आईएएस अफसर की सफलता की कहानी.

आरती आज़ाद Sat, 25 May 2024-4:27 pm,
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बनाना चाहती थीं एक अलग पहचान

आयुषी ने अपने लिए कुछ सपने देखे थे, जिन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने मेहनत भी बहुत की. उनके इस सफर में कई रुकावटें आईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. हालांकि, खुद आयुषी खुद बताती हैं कि वह कई बार अपने रास्ते से डगमगाई थीं. सेल्फ डाउट्स के चलते उनके मन में तैयारी छोड़ने तक का ख्याल आता था, लेकिन वह कभी-भी अपने लक्ष्य से दूर नहीं हुईं. सफलता पाने तक खुद को हर कदम पर मोटिवेट करती रहीं.

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मिडिल क्लास से आने वालीं आयुषी ने बदली किस्मत

ओडिशा के बारीपदा की रहने वाली आयुषी प्रधान का जन्म 2 दिसंबर 1997 को हुआ था. मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वालीं आयुषी के पिता बैंक में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं. 

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शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रही हैं आयुषी

आयुषी ने बारीपदा के सेंट ऐन्स कॉन्वेंट स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की थी. इसमें उन्होंने 93.5 प्रतिशत हासिल किए थे. इसके बाद भुवनेश्वर के मदर्स पब्लिक स्कूल से 12वीं की, जिसमें 93 फीसदी अंक हासिल किए थे. इसके बाद भुवनेश्वर के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. 

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छोड़ दी थी जॉब और एमबीए की पढ़ाई

इंजीनियरिंग के बाद जॉब के साथ एमबीए करने का फैसला लिया, लेकिन अपने लिए बड़ी सोच रखने वालीं आयुषी को इतने से तसल्ली नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने कुछ बड़ा करने का सोचा और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का सोचा. 

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आईएएस अफसर ही बनना चाहती थीं

आयुषी ने संघ लोक सेवा आयोग की सीएसई परीक्षा के 3 अटैम्प्ट दिए थे. सिर्फ 26 साल की उम्र में वह आईएएस अफसर बन गईं. पहले प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गई थीं. दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने 334वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद इंडियन डिफेंस एस्टेट्स सर्विस (IDES) में उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई, लेकिन उनका सपना अब भी अधूरा था. 

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जिंदगी में हासिल करना था नया मुकाम

इसके बाद पूरी मेहनत के साथ आयुषी ने साल 2023 में एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा दी. उनका सपना पूरा हुआ और 36वीं रैंक के उन्होंने सफलता हासिल की. इस बार आईएएस कैडर के लिए उनका सिलेक्शन हुआ. फिलहाल, IDES में ऑफिसर ट्रेनिंग ले रही आयुषी की आईएएस की मसूरी स्थित LBSNAA में ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. 

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बिना कोचिंग की यूपीएससी की तैयारी

आयुषी ने घर पर यूपीएससी की तैयारी की थी. यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने अपने विषय से जुड़े वीडियोज़ देखे, खुद ही नोट्स बनाए और सभी कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह से समझा. आयुषी ने ऑनलाइन पढ़ाई की. उन्होंने कई टेस्ट सीरीज और पिछले वर्षों के पेपर्स सॉल्व किए. इससे उन्हें यूपीएससी परीक्षा पैटर्न समझने में मदद मिली. 

 

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काफी चैलेंजिंग थे सब्जेक्ट

आयुषी प्रधान का बैकग्राउंड टेक्निकल विषयों का था, लेकिन यूपीएससी ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी चुना था. उनके लिए यह विषय नया था और उनके पास तैयारी के लिए समय बहुत कम था. 

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मोटिवेशन कम ना होने दें

यूपीएससी परीक्षा का सफर बहुत लंबा और थकाऊ होता है. परीक्षा देने के 1 साल बाद रिजल्ट आता है. कुछ अंदाजा नहीं होता है कि इसमें सफल हो भी पाएंगे या नहीं. आयुषी यूपीएससी एस्पिरेंट्स को सलाह देती हैं कि इस दौरान खुद पर भरोसा रखें और तैयारी में अपना 100 प्रतिशत दें. अगर असफल भी हुए तो नॉलेज आपके काम आएगी.

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