Sunita Williams: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लौटते ही हाथ पकड़कर स्ट्रेचर पर ले जाया गया. आखिर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से निकालते ही सीधा स्ट्रेचर पर क्यों रखा गया?
सुनीता विलियम्स और बुच भारतीय समय के अनुसार 19 मार्च 2025 की सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट के पास धरती पर लौटे. लैंडिंग के बाद कैप्सूल खुला और दोनों अतंरिक्ष यात्रियों को हाथ पकड़कर स्ट्रेचर पर ले जाया गया.
सुनीता और बुच जैसे ही कैप्सूल से उतरे उन्हें तुरंत स्ट्रेचर पर ले जाया गया. ऐसा किसी मेडिकल इमरजेंसी नहीं बल्कि सेफ्टी प्रॉटोकॉल के तहत और स्पेसफ्लाइट के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण किया गया है.
अंतरिक्ष में लंबा समय गुजारने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में कई तरह के बदलाव बोते हैं, जिसका असर उनकी मांसपेशियों पर काफी पड़ता है. इससे वे बैलेंस नहीं बना पाते हैं और कुछ दिनों के लिए सही से चलने में असमर्थ हो जाते हैं.
पृथ्वी की तरह अतंरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है. ऐसे में यह लगातार धरती की तरफ फ्री-फॉल स्टेट में रहता है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में अंतरिक्ष यात्रियों को वजन का अनुभव नहीं होता है, जिससे उनका शरीर खुद को इस माहौल में ढाल लेता है. इससे ग्रैविटी के साथ संतुलन बनाने वाला शरीर का संतुलन कमजोर पड़ जाता है.
अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटने के बाद गुरुत्वाकर्षण को महसूस करने की कोशिश करते है, जिसके चलते उन्हें कमजोरी, मोशन सिकनेकस और चक्कर की समस्या होने लगती है. इसेस सामान्य होने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं.
बता दें कि अंतरिक्ष में लंबा समय गुजारने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों अपनी मसल्स और हड्डियों को मजबूत रखने के लिए तमाम तरह की एक्सरसाइज करते हैं, हालांकि इसके बावजूद मसल्स और बोन लॉस होता है. क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर को खड़े होने, चलने और गुरुत्वाकर्षण से लड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है.
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