गर्भाशय में गांठ यानी रसौली होने पर कई तरह की समस्या देखने को मिलती है. इन समस्या को कम करने के लिए दवाई के साथ-सात जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए जानते हैं रसौली होने पर किन जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं.
बच्चेदानी में गांठ या रसौली की समस्या होने पर त्रिफला का सेवन कर सकते हैं. त्रिफला में एंटीनोप्लास्टिक के गुण मौजूद है जो कि फाइब्रॉइड की समस्या को कम कर सकते हैं.
गिलोय का इस्तेमाल करने से बच्चेदानी में गांठ की परेशानी की समस्या कम हो सकती है. गिलोय में कई औषधीय के गुण पाए जाते हैं जो कि बच्चेदानी की गांठ को कम कर सकते हैं.
बच्चेदानी में गांठ होने पर हल्दी का यूज कर सकते हैं. हल्दी में करक्यूमिन नाम का पॉलीफेनोल पाया जाता है जो कि गांठ की समस्या को दूर कर सकता है.
आंवला में एंटी-फाइब्रोटिक गुणों का भंडार है जो कि रसौली यानी बच्चेदानी की गांठ को दूर करने में मददगार हो सकता है.
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