Jammu Kashmir Terrorist Attack : पहलगाम आतंकवादी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) ने देश के सुरक्षा मानकों की कमी और सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को उजागर किया है. जम्मू-कश्मीर को टेरर फ्री यूनियन टेरिटरी बनाने में चाहे जितना वक्त लगे, एक दिन ऐसा आएगा जब वहां किसी बेगुनाह का खून नहीं बहेगा. घाटी सैलानियों के खून से दोबारा लाल नहीं होगी. कश्मीर में रेलवे (Indian Railways) ने शानदार काम किया है. कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सुरंगे बनाई हैं. पहलगाम अटैक के बाद कश्मीर रेल लिंक में सुरंगों की सिक्योरिटी के लिए CRPF ने खास कदम उठाए हैं. उनकी यूनिट अत्याधुनिक नवीनतम हथियारों, सीसीटीवी समेत अन्य उपकरणों के साथ रेलवे नेटवर्क और टनल्स सुरक्षित रखेगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआरपीएफ ने नई रणनीति के साथ मोर्चा संभाल लिया है. अत्याधुनिक स्वचालित हथियारों और बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस CRPF के जवान 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन (USBRL) के करीब 100 किलोमीटर लंबे सुरंग खंडों की सुरक्षा करेंगे, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. 9 मार्च को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में दिए गए सुझावों के आधार पर लिया गया ये निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू करने की बात कही गई है. पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले जिसमें 26 निहत्थे पर्यटकों का नरसंहार कर दिया गया था, उसे ध्यान में रखते हुए ऐसा करने की फौरन जरूरत थी.
यूएसबीआरएल के एक प्रमुख लिंक का उद्घाटन 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी को करना था. लेकिन खराब मौसम के कारण कार्यक्रम टल गया. सुरक्षा मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने की थी जिसमें अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार भी मौजूद थे. बैठक के दो एजेंडा-आधारित सत्र रहे. पहला- घाटी में सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए और एजेंसियां नए इनपुट तैयार करने में क्यों नाकाम रहीं? दूसरा यूएसबीआरएल की सुरक्षा व्यवस्था भविष्य में किस तरह से 100 फीसदी पुख्ता की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के डीजी से पुलिस विभाग, एलआईयू और अन्य के सुझाव मांगने के साथ नए सेफ्टी-सिक्योरिटी आइडिया और प्लानिंग को साझा करने के लिए कहा गया.
यूएसबीआरएल का 111 किलोमीटर लंबा कटरा-बनिहाल खंड सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, जिसमें भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग (12.77 किमी), दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज (चिनाब, 359 मीटर) और भारतीय रेलवे का पहला केबल-स्टेड ब्रिज शामिल है. इस सेक्शन में 97 किमी सुरंगों से आच्छादित है. सूत्र ने कहा, “अर्धसैनिक बलों के एक डीजी ने हमें सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी, जो सभी सुरंग क्षेत्रों को कवर करेंगे.
नियमों के अनुसार, सभी रेल लाइनों की सुरक्षा राज्य पुलिस के अधीन है, इसलिए सुरंगों में सीआरपीएफ कर्मियों को तैनात करने का फैसला लिया गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा जीआरपी और आरपीएफ द्वारा की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि रेलवे रूट की सुरक्षा में तैनात जवानों और अफसरों को परिष्कृत स्वचालित हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट्स दी जाएंगी. पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद, आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी.
वर्तमान में, संगलदान और बारामुल्ला के बीच 184 किलोमीटर लंबे रूट पर ट्रेनें चल रही हैं. इसके साथ ही यूएसबीआरएल के 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा खंड पर भी ट्रेनें चल रही हैं. हालांकि, कश्मीर घाटी अभी भी उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहे शेष 63 किलोमीटर लंबे कटरा-संगलदान खंड से जुड़ी नहीं है.
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