Cyber Attack: आजकल इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन इस डिजिटल दुनिया में एक बड़ा खतरा भी छिपा है और वह है साइबर अटैक. साइबर अटैक किसी भी कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क या डिजिटल डिवाइस पर अनधिकृत पहुंच प्राप्त करके डेटा को चुराने, बदलने, डिसेबल करने या नष्ट करने के लिए जानबूझकर किया जाता है. यह स्कैमर्स द्वारा व्यक्तिगत, वित्तीय या राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है. आइए आपको बताते हैं यह कैसे किया जाता है और इससे कितना नुकसान होता है.
साइबर हमले कई तरीकों से किए जा सकते हैं. इनमें मालवेयर का इस्तेमाल सबसे प्रमुख है. मालवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है, जिसमें वायरस, वर्म, ट्रोजन और रैंसमवेयर शामिल होते हैं. ये सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम में घुसकर डेटा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, चुरा सकते हैं या सिस्टम को निष्क्रिय कर सकते हैं. अक्सर ये ईमेल अटैचमेंट या फर्जी वेबसाइट्स के जरिए फैलते हैं.
इसमें स्कैमर्स धोखे से आपको संवेदनशील जानकारी (जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर) देने के लिए प्रेरित करते हैं. वे खुद को किसी विश्वसनीय संस्था, बैंक या पुलिस का अधिकारी बताते हैं और एक नकली ईमेल या मैसेज भेजते हैं.
इसमें स्कैमर किसी वेबसाइट या सर्वर पर इतनी अधिक मात्रा में ट्रैफिक भेजते हैं कि वह ओवरलोड हो जाता है और वैलिड यूजर्स के लिए अनुपलब्ध हो जाता है. यानी कि किसी सिस्टम या नेटवर्क को एक्सेस करने से रोकने के लिए उसे ओवरलोड करना.
साइबर हमलों से होने वाला नुकसान व्यक्तिगत और संगठनात्मक दोनों स्तरों पर बहुत बड़ा हो सकता है. साइबर हमलों से वित्तीय नुकसान हो सकता है. बैंक अकाउंट से पैसे की चोरी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और सिस्टम डाउन होने से होने वाला व्यावसायिक नुकसान इसमें शामिल हैं.
व्यक्तिगत जानकारी, कॉन्फिडेंशियल बिजनेस डेटा और ग्राहक डेटा की चोरी हो सकती है, जिसका दुरुपयोग पहचान चोरी करने के लिए या डार्क वेब पर बेचने के लिए किया जा सकता है. साथ ही कंपनियों के लिए डेटा ब्रीच या साइबर हमले से ग्राहकों का विश्वास टूट सकता है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है और वे ग्राहक खो सकते हैं.
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