अपने जज्बे और हौसले से भारतीय एयरफोर्स ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. दरअसल एयरफोर्स ने अपने बाहुबली सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान को रात के समय में करगिल हवाई पट्टी पर उतारने में सफलता हासिल की है. रात के समय में हर्क्यूलस को करगिल में उतारने का मकसद दुश्मन से दो कदम आगे रहना है. जंग के हालात में कमांडो की जल्द से जल्द मोर्चे पर तैनाती की जा सकती है. साथ ही भारी मात्रा में युद्ध के साजों सामान को पहुंचाया जा सकता है भारतीय वायु सेना ने वो कर दिखाया, जिसे सोचने में बाकी देशों के पसीने छूट जाते हैं. ऐसी हिम्मत...ऐसा जज्बा...और ऐसा हौसला....सिर्फ और सिर्फ हिंद की फौज के पास है.
रात में कारगिल की पहाड़ियों के बीच एयरफोर्स ने अपने बाहुबली को उतार दिया. एयरफोर्स का ये बाहुबली और कोई नहीं सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान है, जिसे एयरफोर्स ने कारगिल हवाई पट्टी पर रात में उतारने में कामयाबी हासिल कर ली है. इस बाहुबली, सुपर हरक्यूलिस विमान में गरुड़ कमांडोज बैठकर कारगिल पहुंचे दरअसल ये कमांडोज की ट्रेनिंग का भी एक हिस्सा था...कैसे जंग के हालात में जल्द से जल्द कमांडो को मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है...एयरफोर्स ने ये करके दिखा दिया है.
एयरफोर्स ने इसका वीडियो भी जारी किया है और इसे टेरेन मास्किंग बताया है. टेरेन मास्किंग एक सैन्य रणनीति है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन के रडार से बचने के लिए पहाड़ों, जंगलों का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मकसद दुश्मन से छिपकर अपने ऑपरेशन को अंजाम देना होता है. अब सवाल है कि करगिल में रात में विमान की लैंडिंग क्यों मुश्किल है. विमान को उतरने में किन-किन मुश्किलों को सामना करना पड़ता है...ऐसे में एयरफोर्स ने ये कारनामा कैसे कर दिया.
दरअसल करगिल चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. सर्दियों के समय होने वाली बर्फबारी तो लैंडिंग को और ज्यादा मुश्किल बना देती है. ऊपर से रात के समय बर्फबारी के बीच विमान को एयरस्ट्रिप पर लैंड करना बेहद मुश्किल होता है.
विमानों को लैंडिंग के दौरान रात के अंधेरे में न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि लैंडिंग के लिए सिर्फ नेविगेशन का ही सहारा लेना पड़ता है. इन सब चुनौतियों और मुश्किलों को पार करते हुए एयरफोर्स सी-130 जे सुपर हर्क्यूलस विमान को रात में लैंड कराने में कामयाब हो गया. अब आपको इस एयरफोर्स के बाहुबली विमान की खासियत और ताकत आपको बताते हैं.
सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान को उड़ाने के लिए कम से कम तीन क्रू मेंबर्स की जरूरत है. इसकी लंबाई 97.9 फीट जबकि ऊंचाई 38.10 फीट होती है. इस बाहुबली का वजन 34,374 किलोग्राम है...ये एक घंटे में 644 किमी का सफर तय कर सकता है. ये विमान छोटी और रफ एयरस्ट्रिप पर उतर सकता है. 19 टन सामान लेकर एक साथ उड़ सकता है. वायुसेना ने साल 2007 में इसका ऑर्डर दिया था. भारत, अमेरिका समेत 40 देश इस्तेमाल करते हैं.
सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस कई मौकों पर संकचमोचक साबित हुआ है. सूडान से भारतीयों को निकालने में इसकी अहम भूमिका रही तो अफगानिस्तान से भी सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित निकालकर वतन वापस पहुंचाया और अब एयरफोर्स के हिम्मत और हौसलों की ताकत बना है और एक नया कीर्तिमान बनने का साक्षी बना है.
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