अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह अधिकतर लोग डायबिटीज बीमारी का शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज बीमारी ब्लड शुगर लेवर बढ़ जाता है. डायबिटीज को खत्म करने की कोई दवाई नहीं है लेकिन दवाई की मदद से ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सकता है. आइए जानते हैं शरीर के लिए कितना शुगर लेवर हानिकारक होता है वहीं किस लेवल पर इंसुलिन लेने की जरूरत होती है.
पैंक्रियाज शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करता है. जब शरीर में शुगर की मात्रा अधिक होती है वहीं पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम करता है तो इस कंडीशन में इंसुलिन दिया जाता है.
ब्लड में ग्लूकोज को मॉनिटर करके ब्लड शुगर की जांच की जाती है. मरीज के शुगर लेवल को मॉनिटर करते हैं डॉक्टर्स ही बताते हैं कि मरीज को कब इंसुलिन लेना चाहिए. डायबिटीज मरीज को पहले डॉक्टर लाइफस्टाइल में बदलाव करके शुगर कंट्रोल करने की सलाह देते हैं.
200 से ज्यादा शुगर लेवल होना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है. जब लाइफस्टाइल में बदलाव के बाद भी शुगर लेवल कंट्रोल नहीं होता है डॉक्टर शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवाई देते हैं.
इंसुलिन कब देना है यह मरीज को मॉनिटर करने के बाद ही तय किया जा सकता है. डॉक्टर ही तय करते हैं कि मरीज को कब इंसुलिन लेना चाहिए.
डायबिटीज मरीज इंसुलिन इंजेक्शन लेने से मना करते हैं. वहीं मरीज को इंजेक्शन लेना भी सिखाना होता है. ऐसे में डॉक्टर्स मरीज को ओरल इंसुलिन देते हैं. मरीज को ओरल इंसुलिन या इंजेक्शन इंसुलिन देना इसका फैसला डॉक्टर करते हैं.
Disclaimer प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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