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गीता पर हाथ रखकर ली शपथ...कनाडा में पहली भारतीय हिंदू महिला बनीं विदेश मंत्री, तस्वीर देख खालिस्तानियों की जान अटक जाएगी, जानें कौन हैं अनीता आनंद

Who Is Anita Anand: कनाडा की राजनीति में एक नया इतिहास रचा गया है. भारतीय मूल की अनीता आनंद को कनाडा की नई विदेश मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है. सबसे खास बात अनीता ने पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद गीता पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके अंदर भारतीय संस्कृति को लेकर कितना जुड़ाव है. अनीता की इस उपलब्धि पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी बधाई दी है. आइए जानते हैं कौन हैं अनीता आनंद? भारत से क्या है कनेक्‍शन.

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जिस देश को खालिस्तानियों का गढ़ कहा जाता है, जिस देश के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत के खिलाफ अपना एजेंडा चलाते हैं. उसी कनाडा से अब एक खुशखबरी आई है. सरल शब्दों में बताएं तो जिस कनाडा से रिश्तें बहुत खराब स्तर पर हो गए थे अब वहां से एक नई उम्मीद जगी है. इससे पहले आप दिमाग पर जोर दें हम आपको बता दें कि 13 मई 2025 को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अपनी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया. इस बदलाव में एक नाम भारतीय मूल का है. जिसके बाद हर भारत और कनाडा दोनों जगह के भारतीय बहुत खुश है. आइए जानते हैं पूरी खबर.

 

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भारतीय मूल की अनीता आनंद (Anita Anand) को कनाडा में विदेश मंत्री नियुक्त किया है. अनीता पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार में भी कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं. अनीता आनंद मेलानी जोली की जगह लेंगी.

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जिन्हें अब उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. शपथ ग्रहण के दौरान अनीता ने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली. इस पल को देखकर भारतीय मूल के लोग गर्व से भर उठे.

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अनीता ने इस मौके पर कहा, “मैं कनाडा की विदेश मंत्री बनकर सम्मानित महसूस कर रही हूं. मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी पूरी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया बनाने के लिए काम करूंगी.”

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अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को कनाडा के नोवा स्कोटिया में हुआ था. उनके माता-पिता भारतीय मूल के डॉक्टर थे. उनकी मां सरोज डी. राम पंजाब से थीं, जबकि पिता एस. वी. आनंद तमिलनाडु से थे. दोनों 1960 के दशक में भारत से कनाडा आए और वहां बस गए.

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अनीता के दादा भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे, जो उनके भारतीय मूल की मजबूत जड़ों को दर्शाता है. उनकी दो बहनें हैं गीता जो टोरंटो में वकील हैं और सोनिया जो मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में फिजिशियन और शोधकर्ता हैं. 58 साल की अनीता आनंद कनाडा की लिबरल पार्टी की सीनियर मेंबर हैं. उन्होंने 2019 में पहली बार ओकविले से संसद सदस्य का चुनाव जीता. इसके बाद वह जस्टिन ट्रूडो की सरकार में कई अहम भूमिकाएं निभा चुकी हैं.

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वह कनाडा की रक्षा मंत्री, परिवहन मंत्री, सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री, और ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष रह चुकी हैं. रक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने कई बड़े सुधार किए, जिससे उनकी छवि एक मजबूत नेता के रूप में उभरी. 2025 के संघीय चुनाव में उन्होंने ओकविले ईस्ट से जीत हासिल की. अनीता सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक मशहूर वकील और प्रोफेसर भी रही हैं.

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उन्होंने क्वीन्स यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, और टोरंटो यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में लॉ की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं. उनकी शादी जॉन नॉल्टन से हुई है, जो एक कनाडाई वकील और बिजनेस एग्जीक्यूटिव हैं. उनके चार बच्चे हैं. अनीता की नियुक्ति से भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है. उनकी भारतीय जड़ें और सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत कर सकते हैं. उनकी नियुक्ति को महिला सशक्तिकरण के रूप में भी देखा जा रहा है.

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अनीता ने अपनी नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “कनाडा के लोगों के लिए काम करना मेरा लक्ष्य है.” उनके इस ट्वीट को हजारों लोगों ने लाइक किया. भारत से लेकर कनाडा तक लोग उनकी इस उपलब्धि की तारीफ कर रहे हैं. वह कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री हैं, जो भारतीय समुदाय के लिए गर्व की बात है.

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