Kinnar Marriage Facts: हमारे समाज में किन्नर (हिजड़ा) समुदाय को बहुत अहम माना जाता है. प्रत्येक शुभ अवसर पर लोग उनका आशीर्वाद लेने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि किन्नरों का भी विवाह होता है और शादी के अगले दिन वे विधवा भी हो जाते हैं.
किन्नरों के एक दिन के लिए विवाह करने और फिर अगले ही दिन विधवा हो जाने की यह कथा महाभारत युद्ध से जुड़ी हुई है. इस कथा के मुताबिक, इरावन अर्जुन के धनुर्धारी पुत्र थे. जिन्होंने महाभारत युद्ध में पांडवों की ओर से भाग लिया था.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने अंश रूप में मोहिनी अवतार धारण कर, इरावन से विवाह किया था. शादी के अगले दिन इरावन की महाभारत युद्ध में मौत हो गई थी. जिसके चलते मोहिनी विधवा हो गई थी.
किन्नर समुदाय इरावन को अपना आराध्य देव मानता है. वह भी परंपरा निभाते हुए जीवन में एक बार इरावन देवता से विवाह करते हैं और फिर अगले दिन खुद को विधवा मानकर उसका शोक मनाते हैं.
किन्नरों का यह एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसके जरिए वे अपनी भक्ति और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को व्यक्त करते हैं. यह परंपरा दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु में कोयिलम्मा या अरावन उत्सव के दौरान देखी जाती है.
धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, यह प्रथा एक प्रतीकात्मक रूप है और केवल एक दिन के लिए होती है. इसका कोई वास्तविक वैवाहिक संबंध नहीं होता है. यह विधवा होने का शोक व्यक्त करने और इरावन की याद में एक प्रतीकात्मक तरीका है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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