What happened to Subhiksha Supermarket: ये कहानी है भारत के सुपरमार्केट रिटेल चेन की शुरुआत करने वाले सुभिक्षा के फाउंडर आर सुब्रहण्यम की. कभी देश के सबसे बड़े रिटेल चेन का तमगा हासिल करने वाली सुभिक्षा का अंत 20 साल की जेल की सजा के साथ हुआ.
Rise and Fall of Subhiksha: शून्य से शिखर की कहावत आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन आज जिस शख्स की कहानी हम बताने जा रहे हैं उन्होंने जीरो से शुरुआत कर अपने दम पर 4000 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी कर दी. देश के 1600 आउटलेट के साथ अपनी पहचान बनाई. विप्रो, आईसीआईसीआई जैसी कंपनियां भी उसकी सफलता देख हैरान रह गई, लेकिन इस सफलता को वो ज्यादा दिनों तक पचा नहीं सके. लालच ने उन्हें ऐसा घेर लिया कि उन्होंने शिखर से शून्य तक का सफर तय कर लिया और 20 सालों के लिए जेल में कैद हो गए.
ये कहानी है भारत के सुपरमार्केट रिटेल चेन की शुरुआत करने वाले सुभिक्षा (Subhiksha) के फाउंडर आर सुब्रहण्यम (R Subramanian) की. कभी देश के सबसे बड़े रिटेल चेन का तमगा हासिल करने वाली सुभिक्षा का अंत 20 साल की जेल की सजा के साथ हुआ.
पहले आईआईटी मद्रास फिर आईआईएम अहमदाबाद से डिग्री हासिल करने वाले एस सुब्रमण्यम ने पढ़ाई पूरी करने के बाद सिटी बैंक में नकरी की, लेकिन सिर्फ 15 दिन में उस नौकरी को छोड़कर रॉय इनफिस्ड ज्वाइन कर दिया. दो साल काम करने के बाद साल 1991 में उन्होंने विश्वप्रिया नाम से एक फाइनेंस कंपनी की शुरुआत की. इस कंपनी के जरिए उन्होंने फाइनेंशियल सर्विसेस देना शुरू किया. आकर्षक स्कीमों के साथ इसने कई निवेशकों का ध्यान खींचा. लोगों को बेहतर रिटर्न का लालच देकर उनसे इसमें निवेश करवाए. इसी क जरिए साल 1997 में उन्होंने सुभिक्षा की शुरुआत की.
1 मिलियन डॉलर के निवेश से उन्होंने चेन्नई में सुभिक्षा का पहला रिटेल स्टोर खोला, देखते ही देखते ये रिटेल स्टोरा और सुपरमार्ट देशभर में खुलने लगे. 2008 तक देशभर में सुभिक्षा के 1600 से ज्यादा रिटेल स्टोर खुल चुके थे. सब्जी, ग्रॉसरी, फल, दवाएं, मोबाइल फोन सब एक ही जगह मिलने लगे. लोगों के लिए ये स्टोर्स नया था, इसलिए अच्छा रिस्पांस भी मिला. विप्रो के फाउंडर अजीज प्रेमजी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा जैसे निवेशकों ने सुभिक्षा में निवेश का फैसला किया, लेकिन एक छोटी सी गलती इस कंपनी पर भारी पड़ी.
देशभर में जिस रिटेल स्टोर का डंका बज रहा था अफसोस की बात है कि सुब्रमण्यन के कामों के कारण सैकड़ों निवेशक धोखा खा गए. सुब्रमण्यन ने निवेशकों को धोखा देकर उनसे निवेश करवाया. अधिक रिटर्न का लालच देकर उन्हें निवेश करने के लिए फंसाया. उन्होंने निवेशकों का पैसा कई शेल कंपनियों के जरिये डायवर्ट किए . चेन्नई की एक विशेष अदालत ने सुभिक्षा फ्रॉड मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि सुब्रहण्यम ने निवेशकों को धोखे में रखा और उन्हें फर्जी स्कीमों में पैसा लगाने के लिए ललचाया. उन्होंने मैच्योरिटी पर निवेशकों को गुमराह करके नई स्कीमों में पैसा लगवाया गया. निवेशकों को धोखा देकर उनके पैसों को विभिन्न शेल कंपनियों में लगाया.
उन्होंने लालच देकर पैसे तो लगवा लिए, लेकिन जब पैसा देने बारी आती थी तो और भी ज्यादा फायदे का लालच देकर फिर से पैसा ले लिया जाता था. हालांकि आखिरकार उनका भंडाफोड़ हो गया. जांच के दौरान सुब्रहण्यम ने अपना जुर्म स्वीकार लिया और कहा कि सभी स्कीमों में 137 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट हुआ है. नवंबर 2023 में कोर्ट ने उनपर 8.92 करोड़ रुपये और उसकी कंपनियों पर 191.98 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. उन्होंने निवेशकों को धोखा देने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई. उनकी गलती की वजह से सुभिक्षा बंद होने लगी, कर्मचारियों को सैलरी तक मिलने में दिक्कत आने लगी आखिरकार उनके फ्रॉड का भंडाफोड़ होने के बाद सुभिक्षा को बंद होना पड़ा.
ट्रेन्डिंग फोटोज़