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राज्यसभा संतरी और लोकसभा में क्यों है हरा रंग? संसद के कलर कॉम्बिनेशन का क्या है इतिहास

हाल ही में बनी भारत की नई संसद कई खासियतों की वजह से सुर्खियों में रहती है. नई-नई तकनीक के इस्तेमाल से बनी राज्यसभा और लोकसभा अगर आपने देखी होगी तो यह भी नोट किया होगा कि लोकसभा में हरा रंग का और राज्यसभा में संतरी रंग का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि यह बहुत छोटा लेकिन काफी अहम अंतर है, जो आमतौर पर आम दर्शकों की नजरों से बच जाता है। राज्यसभा का रंग गहरा संतरी होता है.

 

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पार्लियामेंट सिर्फ कानून बनाने की जगह नहीं है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों का प्रतीक भी है. यह रंग सिर्फ सजावट का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गहरी सोच को दर्शाते हैं. जब भी आप संसद की कार्यवाही देखें या वहां जाएं, तो इन रंगों पर भी गौर करें, क्योंकि ये भारत के लोकतांत्रिक सिस्टम के गौरवशाली इतिहास और भविष्य की कहानी को जाहिर करते हैं.

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राज्यसभा में संतरी रंग शक्ति, गरिमा और परंपरा का प्रतीक माना जाता है. यह रंग राजसी ठाट-बाट और गंभीरता का प्रतीक रहा है, जो संसद के ऊपरी सदन की भूमिका से मेल खाता है.

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राज्यसभा का कार्य लोकसभा के ज़रिए पास बिलों की समीक्षा करना और विचार-विमर्श के जरिए फैसला लेना होता है. इसमें अनुभवी नेता, एक्सपर्ट्स और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जो विधायी प्रक्रिया में परिपक्वता और विवेकशीलता लाते हैं. इसीलिए संतरी रंग इस सदन के गहरे विचार-विमर्श और गरिमा को दर्शाता है.

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वहीं लोकसभा में हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है, जो नई ऊर्जा, जीवन और जनता से सीधा जुड़ाव दर्शाता है. यह रंग खेत-खलिहान और जमीनी हकीकत से जुड़े रहने का प्रतीक है. 

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लोकसभा में वे सदस्य चुने जाते हैं जो सीधे जनता के ज़रिए निर्वाचित होते हैं और उनकी आवाज को सदन में रखते हैं. यह सदन नीति निर्माण की पहली सीढ़ी है, जहां बहस, विचार-विमर्श और जनता के मुद्दों पर चर्चा होती है. इसलिए इसका हरा रंग लोकतंत्र की जीवंतता और उत्साह का प्रतीक माना जाता है.

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भारत की संसद का यह रंग-संकेत ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से प्रेरित है. ब्रिटेन में भी हाउस ऑफ लॉर्ड्स (राज्यसभा के बराबर) का रंग संतरी और हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा के बराबर) का रंग हरा होता है. भारत ने स्वतंत्रता के बाद इसी परंपरा को अपनाया, जिससे हमारे संसद भवन की पहचान बनी. यही रंग-संकेत ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई अन्य देशों की संसद में भी देखने को मिलता है.

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कुछ एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि रंगों का असर सांसदों के व्यवहार और बहस के स्वरूप पर भी पड़ता है. संतरी रंग गंभीरता और अनुशासन को प्रोत्साहित करता है, जबकि हरा रंग खुली चर्चा और ऊर्जा को दर्शाता है. हालांकि यह विचार पूरी तरह वैज्ञानिक नहीं हो सकता, लेकिन संसदीय व्यवस्था में इसकी गहरी सोच जरूर नजर आती है.

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