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रेगिस्तान में बनाया शहर, खर्च हुए थे 843 करोड़ रुपये, दुनिया की सबसे महंगी पार्टी, जिसके बाद गिर गई थी इस देश की सरकार

World Most Expensive Party: ईरान एक तरफ जहां कई तरह की पाबंदियों का सामना कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ इजराइल के साथ संघर्ष कर रहा है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब ईरानी शासक ने एक ऐसी पार्टी की थी जिसकी चर्चाएं आज भी होती है. इस पार्टी को दुनिया की अब तक सबसे महंगी पार्टी माना जाता है. 

 

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हम बात कर रहे हैं साल 1971 की. उस वक्त  ईरान की अर्थव्यवस्था काफी खराब थी. बावजूद, इसके इतनी पार्टी बड़ी पार्टी आयोजित की गई.  वहां की अवाम गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे थी, जबकि सरकार ने इतनी महंगी पार्टी आयोजित कर दी. ऐसे में इस फिजूलखर्ची ने अवाम को और भड़का दिया. आखिरकार इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों में शासन के खिलाफ गुस्सा और असंतोष तेजी से बढ़ने लगा और इस पार्टी के चलते यहां की सरकार भी गिर गई. 

इतिहास की सबसे चर्चित पार्टियों में शुमार

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इतिहास की सबसे चर्चित पार्टियों में शुमार

1971 में ईरान पर शाह मोहम्मद रजा पहलवी का शासन था और देश पश्चिमी कल्चर से काफी प्रभावित था. लेकिन रजा पहलवी की इस पार्टी की भव्यता और अपार खर्च ने उस वक्त पूरी दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था. यही कारण इसे इतिहास की सबसे चर्चित पार्टियों में गिना जाता है.

शाह मोहम्मद रजा पहलवी

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शाह मोहम्मद रजा पहलवी

शाह मोहम्मद रजा पहलवी की इस पार्टी के किस्से काफी दिलचस्प हैं. इंटरनेशन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असल में ईरान के शाह ने 1971 में पर्सेपोलिस में फारसी साम्राज्य ( Persian Empire ) की 2500वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इतनी बड़ी पार्टी का आयोजन किया गया था. 

843 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च

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 843 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च

खास बात इस पार्टी में दुनियाभर के 65 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, इस आयोजन पर करीब 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी  843 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए थे. इससे भी इस पार्टी की खास बात यह है कि इस पार्टी के लिए 18 टन खाना विदेशों से मंगवाया गया था और 100 विमानों का इस्तेमाल आने-जाने के लिए किया गया था. साथ ही,  रेगिस्तान में मेहमानों के लिए एक अस्थायी टेंट सिटी भी बनाई गई थी. इस आयोजन पर पूरी दुनिया ने जहां हैरानी जताई तो वहीं दूसरी तरफ ईरान की जनता में शाह के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई.

1971 ईरानी क्रांति

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1971 ईरानी क्रांति

इसके बाद जो फिर हुआ उसका अंदाजा किसी को नहीं था. आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से जूझ रहे ईरान के लोगों का शाह के खिलाफ गुस्सा और असंतोष तेजी से बढ़ा और इसी असंतोष ने 1979 में एक नई क्रांति को जमन दिया जिसे 'ईरानी क्रांति' के नाम से जाना जाता है.

अयातुल्ला खुमैनी

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अयातुल्ला खुमैनी

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयातुल्ला खुमैनी की अगुआई में जनता ने शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया. इसके बाद पूरे देश को इस्लामिक गणराज्य घोषित कर दिया गया. इस तरह से एक इतिहास की सबसे महंगी पार्टी का आयोजन करने वाले शाह को अपनी गद्दी गंवानी पड़ी, जिसकी चर्चाएं गाहे  बगाहे होती रहती हैं.

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