मिशन 2019: बीजेपी के खिलाफ अब विपक्ष को एकजुट करने में जुटे शरद यादव
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मिशन 2019: बीजेपी के खिलाफ अब विपक्ष को एकजुट करने में जुटे शरद यादव

उन्होंने कहा कि ‘सांझी विरासत बचाओ’ अभियान की अगली बैठक राष्ट्रीय राजधानी में 16 अगस्त को होगी. 

यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी और इसके सहयोगी संगठन संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं.

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और विपक्षी नेता शरद यादव ने सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ अभियान शुरू किया है. उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद तेज कर दी है. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि ‘सांझी विरासत बचाओ’ अभियान की अगली बैठक राष्ट्रीय राजधानी में 16 अगस्त को होगी. 

यादव ने एक बयान में कहा, "बैठक में लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे. मैंने उनमें से कुछ से बात भी की है." सभी मुख्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इस तरह की चार बैठकों में हिस्सा लिया है जो यादव ने देश के अलग-अलग हिस्से में आयोजित की हैं.

यादव ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर देश के सामाजिक सौहार्द्र की विरासत को खतरा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भगवा गठबंधन का मुकाबला किया जा सके. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां विपक्षी दल संविधान और नागरिकों की रक्षा के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हैं.

यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी और इसके सहयोगी संगठन संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "देश के लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और भय के वातावरण में जी रहे हैं. हम हर रोज हिंसा देख रहे हैं जो देश में जाति और मजहब के नाम पर हो रहा है, खासकर एनडीए शासित राज्यों में. गायों की रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटनाएं अब आए दिन देखने को मिलती हैं." 

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पिछले 15 दिन में दो बार हारा विपक्ष
पिछले 15 दिन में मोदी सरकार के सामने विपक्ष को दो बार मुंह की खानी पड़ी है. पिछले माह विपक्ष एनडीए के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया लेकिन वह गिर गया. इसके अलावा, गुरुवार को उपसभापति के चुनाव में भी विपक्ष को करारी शिकस्त मिली. विपक्ष के बिखराव का आलम यह रहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के करीब 15 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे. टीआरएस और बीजेडी ने एनडीए का साथ दिया. पीडीपी और आम आदमी पार्टी ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. उधर, विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर किसी से संपर्क नहीं करने का आरोप लगाया है.

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