असम : NRC की फाइनल लिस्‍ट में नहीं है नाम तो 120 दिन में साबित करनी होगी नागरिकता
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असम : NRC की फाइनल लिस्‍ट में नहीं है नाम तो 120 दिन में साबित करनी होगी नागरिकता

इस लिस्ट को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया है. फाइनल लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं. लिस्ट से करीब 19 लाख 6 हजार लोगों के नाम गायब हैं.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) की फाइनल लिस्ट जारी की गई. फाइनल लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं. लिस्ट से करीब 19 लाख 6 हजार लोगों के नाम गायब हैं. सुरक्षा के मद्देनजर पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. गुवाहाटी, दिसपुर समेत ज्यादातर क्षेत्रों में धारा-144 लगाई गई है. पारा मिलिट्री की 51 कंपनियां तैनात की गई हैं. बता दें, जिन लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है, अब उन्‍हें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी, जिसके लिए उनके पास 120 दिन का समय है.

दरअसल, जिन लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है उनके पास क्या विकल्प बचे हैं इसको समझने की कोशिश करते हैं...

जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है वे फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं. हालांकि, 120 दिनों के भीतर यह काम करना होगा. वर्तमान में असम में 100 ट्रिब्यूनल काम कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, 200 और ट्रिब्यूनल बनाये जाएंगे. सोमवार से ये ट्रिब्यूनल आवेदन लेना शुरू कर देगा.

उधर, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने NRC लिस्ट को लेकर कहा कि जो लोग गैर-कानूनी तरीके से आए हैं उन्हें तो वापस जाना होगा. देश के नागरिकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. गृह मंत्री ने जो पहल की है उससे हम आतंकवाद को रोक पाएंगे और अपराध भी कम कर पाएंगे. उन्होंने तो यह भी कहा कि दिल्ली में भी NRC  का होना बहुत जरूरी है.

असम में NRC लिस्ट जारी करने का फैसला 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. नियम के मुताबिक, जो लोग 24 मार्च 1971 के बाद असम पहुंचे हैं वे यहां के नागरिक नहीं माने गए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NRC रजिस्ट्रेशन की शुरुआत मई 2015 में हुई और 31 अगस्त 2015 तक रजिस्ट्रेशन किया गया. लिस्ट में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया. हर आवेदन की जांच की गई जिसके लिए पूरे प्रदेश के 52 हजार सरकारी कर्मचारी महीनों तक काम करते रहे.

कोर्ट के आदेश के तहत पहली बार 30 जुलाई 2018 को लिस्ट जारी की गई. पहली लिस्ट में 2,89,83,677  लोग वैध पाये गए. उस दौरान 36,26,630 लोगों ने लिस्ट में शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाया था. शिकायत के बाद लिस्ट में कुछ नये नाम जोड़े गए और दूसरी बार  26 जून 2019 को दूसरी बार लिस्ट जारी की गई. आज फाइनल लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों के नाम लिस्ट से गायब हैं.

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