बेंगलुरु: कांग्रेस और जेडीएस (JDS) के 15 बागी विधायक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की मौजूदगी में आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. इससे पहले दिन में शीर्ष कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा. इन विधायकों को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने अयोग्य करार दिया था. लेकिन तीन जजों की पीठ ने उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्रों से उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कर्नाटक के 17 बागी विधायकों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य करार देने का फैसला सही था, हालांकि पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने का फैसला उचित नहीं था. इस प्रकार शीर्ष अदालत के फैसले से अयोग्य करार विधायकों के 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया.
कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी
दरअसल, कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 3 विधायकों के इस्तीफा देने के कारण जुलाई में एचडी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी. जिसके बाद भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई. उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य करार देकर उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. इन बागी विधायकों ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है.
Bengaluru: 15 rebel Karnataka MLAs of Congress and JD(S) joined BJP today in the presence of Chief Minister BS Yediyurappa. 17 MLAs were disqualified by the state assembly speaker KR Ramesh Kumar and their disqualification was upheld by the Supreme Court, yesterday. pic.twitter.com/xznVMPKWaQ
— ANI (@ANI) November 14, 2019
टिकट देने की तैयारी में BJP
सूत्र बता रहे हैं कि फिलहाल होने जा रहे 15 सीटों के उपचुनाव में अयोग्य करार विधायकों को भाजपा ने टिकट देने की तैयारी की है. पार्टी का मानना है कि अगर इन विधायकों ने इस्तीफे का दांव नहीं चला होता तो फिर सरकार नहीं बन पाती. इस नाते इन्हें टिकट न देना नाइंसाफी होगी.
राज्य में 17 सीटें खाली हैं
यूं तो विधायकों के इस्तीफे से राज्य में 17 सीटें खाली हैं मगर कोर्ट में केस लंबित होने के कारण राजराजेश्वरी नगर और मस्की विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई है. 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए 18 नवंबर तक नामांकन होगा. नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे.
9 सीटें जितनी होंगी
फ़िलहाल कर्नाटक विधानसभा में कुल 207 विधायक हैं, जिसमें से 104 बीजेपी के हैं, जो कि बहुमत के लिए काफी हैं. लेकिन 15 सीटों पर नतीज़े आने के बाद कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की संख्या 222 हो जाएगी. ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. इसलिए कर्नाटक में सरकार बचाने के इस उपचुनाव में बीजपी को कम से कम 9 सीटें जितनी होंगी.
99 विधायक विपक्ष में
कर्नाटक में फिलहाल कांग्रेस के 65 और जेडीएस के 34 विधायक हैं. दोनों को मिलाकर 99 विधायक विपक्ष में हैं. यानि अगर कांग्रेस और जेडीएस बीजेपी को सत्ता से दूर रखना है तो 15 की 15 सीटों पर जीत हासिल करना होगा.