महाराष्ट्र: सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-एनसीपी में चर्चा, 8 सीटों को लेकर टकराव
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महाराष्ट्र: सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-एनसीपी में चर्चा, 8 सीटों को लेकर टकराव

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कें बाद अब एनसीपी और कांग्रेस की सीट बंटवारे की बातचीत एक बार फिर शुरु हो गई है. 

एनसीपी-कांग्रेस में सहयोगी दल के लिए 3 सीटें छोड़ने पर सहमती बनी है...(फाइल फोटो)

दीपक भातूसे.मुंबई: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कें बाद अब एनसीपी और कांग्रेस की सीट बंटवारे की बातचीत एक बार फिर शुरु हो गई है. महाराष्ट्र में महागठबंधन की राह बनती नजर आने लगी है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत के साथ सीट बंटवारे में कांग्रेस आक्रामक दिख रही है. महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें है. पाच राज्यों के चुनावो से पहले एनसीपी और कांग्रेस में 40 सीटों पर सहमती बनी थी. 8 सीटों को लेकर सहमती नहीं बन रही थी. बुधवार रात कांग्रेस-एनसीपी के प्रदेश नेताओं की मीटिंग में इन 8 सीटों पर चर्चा हुई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी.  

पुणे, नगर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, औरंगाबाद, यवतमाल, रावेर, जालना, नंदुरबार इन 8 लोकसभा सीटों को लेकर एनसीपी- कांग्रेस में सहमती बनती नहीं दिख रही. पुणे, यवतमाल, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग,  नंदुरबार, औरंगाबाद सीटे कांगेस से एनसीपी को चाहिए. एनसीपी की अहमदनगर सीट कांग्रेस को चाहिए. अहमदनगर से कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटील के बेटे सुजय विखे पाटील कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते है. लेकिन दोनों पार्टियां अपनी-अपनी सीटें छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिखती. इसलिए कल की बैठक में में इस पर निर्णय नहीं हो पाया. 

एनसीपी-कांग्रेस में सहयोगी दल के लिए 3 सीटें छोड़ने पर सहमती बनी है. इसमें हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास आघाडी के लिए पालघर सीट, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी के लिए हातकणंगले सीट और अगर भारिप बहुजन महासंघ के प्रकाश आंबेडकर महागठबंधन में आते हैं तो उनके लिए अकोला सीट छोडने के लिए सहमती बन गई है. 

सीट बंटवारे के साथ महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव कें प्रचार को लेकर भी चर्चा हुई. जनवरी माह में कांग्रेस -एनसीपी और सहयोगी दलो कें महागठबंधन की पहली रैली होगी. महाराष्ट्र में इस रैली के जरिये महागठबंधन के प्रचार की शुरुआत होगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार इस रैली को संबोधित करेंगे. इस रैली का स्थान और तारीख बाद में तय की जाएगी. रैली के लिए महागठबंधन के सहयोगी दल के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा. 

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