कांग्रेस में 'बड़ी सर्जरी' और नेताओं की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी हो गया है: मोइली
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कांग्रेस में 'बड़ी सर्जरी' और नेताओं की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी हो गया है: मोइली

अंग्रेजों ने भी इस पार्टी को खत्म बताया लेकिन उन्हें यहां से भागना पड़ा. 1977 में इंदिरा गांधी की हार के बाद भी कांग्रेस की कहानी खत्म बताई गई लेकिन हम फिर सत्ता में लौटे. लोग इतिहास भूल जाते हैं और कांग्रेस को खत्म हुआ करार देते हैं. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश और फिर कई राज्यों में पार्टी नेताओं की आपसी कलह के चलते देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल की दशा एवं दिशा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इसी संदर्भ में पेश हैं पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली से पांच सवाल: 

सवाल : कुछ सियासी जानकार भविष्य में कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, इस पर आप क्या कहेंगे? 
जवाब : कांग्रेस का 135 साल का इतिहास है. कई बार लोगों ने इसका अस्तित्व खत्म बताया लेकिन हर बार वे गलत साबित हुए. अंग्रेजों ने भी इस पार्टी को खत्म बताया लेकिन उन्हें यहां से भागना पड़ा. 1977 में इंदिरा गांधी की हार के बाद भी कांग्रेस की कहानी खत्म बताई गई लेकिन हम फिर सत्ता में लौटे. लोग इतिहास भूल जाते हैं और कांग्रेस को खत्म हुआ करार देते हैं. निश्चित तौर पर हार हुई है, लेकिन कांग्रेस फिर खड़ी होगी और जीतेगी. 

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सवाल : राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, इस पर आपकी क्या राय है? 
जवाब : राहुल जी ने अच्छी तरह नेतृत्व किया. कांग्रेस को इसका फायदा उठाना चाहिए था. पार्टी उनके नेतृत्व का फायदा नहीं उठा सकी. उन्होंने ऐसा महौल तैयार किया जिससे यह लगने लगा था कि कांग्रेस सत्ता में आ रही है. हम सफल नहीं हुए तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम कहें कि उनका नेतृत्व अच्छा नहीं है. अगर उनका नेतृत्व चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान अच्छा था तो फिर अब अच्छा क्यों नहीं होगा? राहुल गांधी ने डेढ़ साल पहले अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ली. उनको भी समय मिलना चाहिए और वह खुद को साबित करेंगे.

सवाल : तो क्या चुनावी हार की जवाबदेही हर स्तर पर तय नहीं होनी चाहिए? 
जवाब : राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की जिसे सीडब्ल्यूसी ने खारिज किया. जवाबदेही राहुल गांधी की नहीं, बल्कि दूसरे नेताओं की तय होनी चाहिए. जिन राज्यों में हम हारे है वहां के प्रभारियों और राज्य अध्यक्षों को जवाबदेह ठहराना चाहिए. दूसरे नेताओं को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

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सवाल : करारी हार और फिर आपसी कलह को देखते हुए अब कांग्रेस में क्या कदम उठाने की जरूरत है? 
जवाब : विचार यह है कि हमें पार्टी में बड़ी सर्जरी करनी होगी. सभी स्तरों पर चुनाव कराए जाएं. निर्वाचित हुए लोगों को जिम्मेदारी मिले. अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो पार्टी में जो नेता जमे हुए हैं वही आगे भी बने रहेंगे और नए लोग आगे नहीं आ पाएंगे. नेताओं की आपसी कलह को भी खत्म करना होगा. राहुल गांधी को कदम उठाने की जरूरत है. उन्हें सख्ती दिखानी होगी. बिना किसी दया के कार्रवाई करनी होगी. यह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्तर भी करना होगा. उन्हें तत्काल कदम उठाना चाहिए.

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सवाल : क्या पार्टी में प्रियंका गांधी की भूमिका बढ़नी चाहिए? 
जवाब : यह उन (परिवार) पर है. प्रियंका गांधी को महासचिव की जिम्मेदारी दी गयी है. वह कुछ समय पहले आईं हैं और उन्हें समय मिलना चाहिए. वह उत्तर प्रदेश में काम कर रही हैं. एक बार कांग्रेस उत्तर प्रदेश में आ गई तो पूरे देश में आ जाएगी.

(इनपुटः भाषा)

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