करुणानिधि की स्मृति सभा: गडकरी के जाते ही विपक्षी नेताओं ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
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करुणानिधि की स्मृति सभा: गडकरी के जाते ही विपक्षी नेताओं ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

विभिन्न दलों के नेताओं ने बीजेपी की निंदा करते हुए अगले लोकसभा चुनावों में उसे सत्ता से बाहर करने के लिए एकसाथ आने की अपील की.

बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए..

चेन्नई: दिवंगत द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की याद में रखी गई स्मृति बैठक उस वक्त बीजेपी विरोधी समारोह में तब्दील हो गई जब यहां पहुंचे विभिन्न दलों के नेताओं ने भगवा पार्टी की खुलकर निंदा करनी शुरू कर दी और अगले लोकसभा चुनावों में उसे सत्ता से बाहर करने के लिए एकसाथ आने की अपील की. दूसरी ओर, समारोह में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि डीएमके और जनसंघ ‘कांग्रेस के शासन को चुनौती देने वाले और आपातकाल का विरोध करने वाले पहले दो दल हैं." 

वहीं मौके पर मौजूद बीजेपी विरोधी दलों ने मोदी सरकार के ‘अघोषित आपातकाल' लागू करने की कड़ी निंदा की. एनडीए के सहयोगी बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी स्मृति बैठक में शामिल हुए. बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के समारोह से जाने के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस आदि के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. 

हालांकि इस बात का अंदेशा उस समय ही लगा लिया गया था जब डीएमके अध्यक्ष बनते ही स्टालिन ने बीजेपी और मोदी सरकार पर हमला किया था. पहले इस स्मृति सभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को हिस्सा लेना था लेकिन बाद में नितिन गडकरी को उनके स्थान पर भेजा गया. वहीं विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा कई नेताओं ने भाग लिया. 

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कई नेताओं ने वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र पुलिस और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस की ओर से हिस्सा लेने गए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां इस दमन और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायिक व्यवस्था और संसद भी वर्तमान सरकार के चलते खतरे में है.  आजाद ने 2004 में यूपीए सरकार के दौरान करुणानिधि की भूमिका को याद किया और कहा कि उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का मार्गदर्शन किया. उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले करुणानिधि ने बीजेपी का समर्थन किया था लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व के चलते करुणानिधि ने उनका समर्थन किया होगा. 

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टीएमसी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने क्षेत्रीय पार्टियों से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा, "हमें अपने भविष्य के बारे में सोचना है. यह भविष्य तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और भारत के कई राज्यों का है." नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारुख अब्दुल्ला ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया. उन्होंने नए डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन से विपक्षी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करने का अनुरोध किया. 

(इनपुट भाषा से भी) 

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