स्मृति ईरानी ने कैसे लोकसभा को शर्मसार होने से बचाया? जानिए पूरी कहानी
Advertisement

स्मृति ईरानी ने कैसे लोकसभा को शर्मसार होने से बचाया? जानिए पूरी कहानी

स्मृति ईरानी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए एक नहीं, दो बार सदन की मर्यादा भंग होने से बचाई.

स्मृति ईरानी की कोशिशों का नतीजा था जो सांसदों की आपसी भिड़ंत ने गंभीर रूप धारण नहीं किया.

नई दिल्ली: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने सोमवार को लोकसभा को शर्मसार होने से बचा लिया. जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा के सांसदों में भिड़ंत हुई थी, अगर उन्होंने तत्परता न दिखाई होती तो लोकसभा के दामन पर सोमवार का दिन दाग लगा जाता. स्मृति ईरानी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए एक नहीं, दो बार सदन की मर्यादा भंग होने से बचाई. यह स्मृति ईरानी की कोशिशों का नतीजा था जो सांसदों की आपसी भिड़ंत ने गंभीर रूप धारण नहीं किया.

दरअसल, सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन था. पहले ही दिन दिल्ली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्ष दिल्ली हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगने लगा. इस पर विपक्षी सांसदों की सत्तापक्ष के सांसदों से गरमागरम बहस हुई. माहौल गरमाता देख स्पीकर ओम बिरला को सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील करनी पड़ी. मगर सांसदों ने उनकी दरख्वास्त भी नामंजूर कर दी. एक दूसरे से धक्का-मुक्की करने लगे.

अराजकता की स्थिति पैदा हो गई
हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल बोल रहे थे और उसी समय कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और गुरजीत सिंह औजला उनके सामने बैनर लहराने लगे. इसके बाद रमेश बिधूड़ी सहित भाजपा के कुछ और सांसदों ने गोगोई से बैनर छीनने की कोशिश की. देखते ही देखते इस झड़प में दोनों पक्षों से कुछ और सांसद शामिल हो गए. सदन में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई.

सीट छोड़कर बीच-बचाव करने पहुंचीं
लोकसभा की गरिमा को ठेस पहुंचता देख स्मृति ईरानी तुरंत सीट छोड़कर बीच-बचाव करने पहुंच गईं. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी अपनी सीट से तुरंत मौके पर पहुंचे. स्मृति ईरानी दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने में जुट गईं और इस काम में उन्हें पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी सहयोग मिला. बहरहाल, इस घटना के बाद ओम बिरला ने सदन को स्थगित कर दिया.

महिला सांसदों में भिड़ंत
शाम चार बजे से फिर सदन शुरू हुआ. इस बार भाजपा और कांग्रेस की महिला सांसदों में भिड़ंत हो गई. केरल से सांसद और कांग्रेस की दलित चेहरा राम्या हरिदास स्पीकर के पोडियम के सामने बैनर लहराने लगीं, जिसे सत्ताधारी दल के सांसदों ने रोकने की कोशिश की.

जब गंभीर रूप लेना शुरू किया तो फिर
राम्या हरिदास ने बाद में आईएएनएस से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा सांसद जसकौर मीणा ने उन पर हमला किया. महिला सांसदों की लड़ाई ने जब गंभीर रूप लेना शुरू किया तो फिर स्मृति ईरानी को दखल देना पड़ा. इस बार स्मृति ईरानी अपनी सीट से हाथ जोड़ते हुए मौके पर पहुंचीं और दोनों पक्षों के सांसदों से सदन की गरिमा का ख्याल करने की अपील करतीं नजर आईं.

स्थगित करना पड़ा सदन
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सांसदों से शांति की अपील की. एक बार फिर सदन डेढ़ घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा.

ईरानी ने स्थिति को संभाल लिया
बसपा के एक सांसद ने आईएएनएस से कहा, "सदन में सत्ता पक्ष से नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और रामविलास पासवान जैसे वरिष्ठ नेताओं और विपक्ष की ओर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के न होने से अराजकता की स्थिति रही. फिर भी मैं कहूंगा कि स्मृति जी ने सदन को अपमानित होने से बचाया. कई सदस्यों के आक्रामक रवैये के कारण कुछ भी हो सकता था. लेकिन स्मृति ईरानी ने स्थिति को संभाल लिया."

देखें- LIVE TV

Trending news