पेगासस स्पाईवेयर पर झारखंड में सियासत गर्म, रांची में कांग्रेस का राजभवन मार्च
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पेगासस स्पाईवेयर पर झारखंड में सियासत गर्म, रांची में कांग्रेस का राजभवन मार्च

कांग्रेस का जासूसी कांड पर देशव्यापी प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की जा रही है.

झारखंड कांग्रेस का पेगासस मामले पर प्रदर्शन. प्रतिकात्मक तस्वीर

Ranchi: इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये जासूसी के मामले को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है. विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हावी है. कांग्रेस ने गुरुवार को इस मामले को लेकर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया. इसी के तहत देश के कई राज्यों में कांग्रेस इकाइयों ने राजभवन की ओर कूच किया है. झारखंड कांग्रेस ने भी रांची में राजभवन के सामने प्रदर्शन किया.

दरअसल, हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारत में राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई राजनेताओं, पत्रकारों, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों, केंद्रीय मंत्रियों की जासूसी करवाई गई थी. अब इस मामले को कांग्रेस संसद से सड़क तक उठा रही है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में रांची में राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. कांग्रेस नेताओं ने जासूसी कांड को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. 

कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की न्यायिक जांच और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की जा रही है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से विरोधियों की निगरानी और फोन हैकिंग कराना पूरी तरह से असंवैधानिक और गैर कानूनी है और यह अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त शक्तियों पर भी केंद्र सरकार का अतिक्रमण है. रामेश्वर उरांव ने इस मामले में सुप्रीमो कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच का आदेश देने की अपील की.

वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले को लेकर कहा की केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर बड़ा प्रहार किया है, और इस भूल के लिए केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

जबकि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का कहना है की पेगासस के जरिये की जा रही जासूसी के कारण लोग अब बेडरूम से लेकर बाथरूम तक सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा की लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन के लिए देशव्यापी आंदोलन की गूंज केंद्र सरकार के कानों तक जरुर पहुंचेगी.

इस मसले पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने भी जांच की मांग की. उन्होंने कहा की यह लोकतंत्र में जिस तरीक़े से सरकार देश के लोगों को भ्रमित कर रही है, उसकी जांच होनी चाहिए.

वहीं जासूसी कांड पर कांग्रेस के आरोप के जवाब में झारखंड के विपक्षी दलों ने कहा की ये मामला सिर्फ देश का नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय साजिश का है. लिहाजा केंद्र सरकार पर इल्जाम लगाना तथ्यों को झुठलाना है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा की तमाम विपक्षी दलों के पास अगर जासूसी को लेकर सबूत है तो उसे निश्चित रूप से संसद के सामने रखना चाहिए., और अगर ऐसा नहीं है, तो जनता देख रही है कि किस तरह का आचरण विपक्ष कर रही है. जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है और जनता इसके लिए कभी माफ नहीं करेगी.

वहीं AJSU अध्यक्ष सुदेश महतो का कहना है की केंद्र सरकार मान रही है की यह सिर्फ हमारे लोगों की ही जासूसी का मामला नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय साजिश है, तो जांच होगी उसके साक्ष्य सामने आएंगे, इसके बाद ही कुछ बोलना उचित होगा.

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बता दें की पेगासस एक स्पाइवेयर है, जिसे इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी NSOग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है. ये एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है.

 

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