महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने BJP को सरकार बनाने का भेजा न्योता
बीजेपी सबसे ज्यादा विधायकों के साथ प्रदेश की नंबर एक पार्टी है, लिहाजा राजभवन ने उसे सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीजेपी प्रदेश में अल्पमत की सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है. राज्यपाल का आमंत्रण मिलने के बाद सरकार बनाने से इनकार कर सकती है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल का समर्थन है.
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मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी (BJP) को सरकार बनाने का बुलावा भेजा है. शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने बीजेपी (BJP) को सरकार बनाने का न्योता भेजा है. दरअसल बीजेपी (BJP) सबसे ज्यादा विधायकों के साथ प्रदेश की नंबर एक पार्टी है, लिहाजा राजभवन ने उसे सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा है. केयरटेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर कहा है कि पार्टी इस पर विचार करने के बाद फैसला लेगी. राज्यपाल ने ग्यारह नवंबर तक बीजेपी को सरकार बनाने को लेकर राजमवन को सूचित करने का वक्त दिया है.
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीजेपी (BJP) प्रदेश में अल्पमत की सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है. राज्यपाल का आमंत्रण मिलने के बाद सरकार बनाने से इनकार कर सकती है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी (BJP) के पास 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल का समर्थन है. हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकडे से दूर है. मालूम हो कि शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह जोड़तोड़ की राजनीति करके सरकार नहीं बनाएंगे.
सूत्रों का कहना है कि अगर बीजेपी (BJP) सरकार बनाने से मना करती है तो राज्यपाल नंबर दो पार्टी शिवसेना को यह मौका दे सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर शिवसेना क्या कदम उठाती है. शिवसेना के पास फिलहाल महज 56 विधायक और आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. हालांकि शिवसेना का विधानसभा में ये संख्याबल बहुमत से कोसो दूर है.
प्रदेश मे बीजेपी (BJP) 105 और शिवसेना 56 एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकड़ा रखते हैं. हालांकि फिलहाल शिवसेना और बीजेपी (BJP) के बीच टकराव की वजह दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं. एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकोँ की संख्या प्रदेश में सरकार नहीं बना सकते हैं.
अगर, एक दूसरी तस्वीर की संभावना पर राजनीति करवट लेती है तब ये तस्वीर बन सकती है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 56 और बाहर से कांग्रेस के 44 विधायकोँ के समर्थन के बल पर नई सरकार गठन का रास्ता बन सकता है. हालांकि अभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की इस फॉर्मूले पर मुहर लगने के बाद ही ऐसी तस्वीर बन सकती है.
हालांकि बीजेपी (BJP) के सूत्रों के मुताबिक अयोध्या विवाद के कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना और बीजेपी (BJP) के रिश्तों मे पड़ी दरार कम हो सकती है और दोनों के दोबारा साथ आने की बीजेपी (BJP) को उम्मीद है.
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