शीतकालीन सत्र से पहले वेंकैया नायडू ने बुलाई बैठक, कई पार्टियों के नेताओं से की मुलाकात
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शीतकालीन सत्र से पहले वेंकैया नायडू ने बुलाई बैठक, कई पार्टियों के नेताओं से की मुलाकात

सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों ने आश्वस्त किया कि वे शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू तरीके से संचालित करने में पूरा सहयोग करेंगे.

मंत्रियों सहित करीब 31 नेताओं ने नायडू की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले सोमवार को उच्च सदन में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की और उनसे सत्र का संचालन सुचारू तरीके से चलाने में ‘‘सहयोग, सहायता और सुझाव’’ देने की अपील की.

बैठक के दौरान सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों ने आश्वस्त किया कि वे शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू तरीके से संचालित करने में पूरा सहयोग करेंगे. मंत्रियों सहित करीब 31 नेताओं ने नायडू की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया.

इस बीच, सभापति नायडू ने सोमवार को एक रूसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और आतंकवाद से मुकाबले एवं आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की. बैठक के दौरान रूसी संसद की ‘स्टेट ड्यूमा’ के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने एक ऐसा विधायी तंत्र बनाने की अपील की जिससे भारत एवं रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग की असीम संभावनाओं का पूरा लाभ लिया जा सके.

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर निर्भर सदन की कार्यवाही
लगभग एक महीने तक चलने वाला संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार को शुरु हो जाएगा, लेकिन सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही के सुचारू रूप से चलने का दारोमदार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगा.

अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम पूर्ण सत्र होगा. सत्र की शुरुआत के साथ ही मंगलवार को दोपहर तक मध्य प्रदेश, राजस्सथान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम से स्पष्ट हो जायेगा कि इन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस में से किसकी सरकार बनेगी.

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उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र सामान्य तौर पर नवंबर माह में आहूत किया जाता रहा है लेकिन पिछले दो साल से यह दिसंबर माह में आहूत किया जा रहा है. इस बीच विपक्षी दलों ने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद में हुयी कथित रूप से 58 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग आगामी सत्र के दौरान जोरशोर से दोनों सदनों में उठाने की घोषणा कर दी है.

(इनपुट-भाषा)

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