बीजेपी के अभ्‍यास वर्ग में सांसदों के बीच पीछे की लाइन में जाकर बैठ गए PM मोदी
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बीजेपी के अभ्‍यास वर्ग में सांसदों के बीच पीछे की लाइन में जाकर बैठ गए PM मोदी

बीजेपी के इस अभ्‍यास वर्ग में पार्टी के सांसदों को अनुशासन का पाठ पढ़ाएगा ओरिएंटेशन कार्यक्रम. इस कार्यक्रम की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा कर रहे हैं.

बीजेपी के अभ्‍यास वर्ग में सांसदों के बीच पीछे की लाइन में जाकर बैठ गए PM मोदी

नई दिल्ली: संसदीय प्रक्रियाओं में शामिल होने के दौरान सांसदों में अनुशासन और अच्छे आचरण बनाए रखने के उद्देश्य से बीजेपी के दो दिवसीय अनिवार्य 'ओरिएंटेशन कार्यक्रम' की शनिवार को शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा कर रहे हैं. इसे भाजपा ने 'अभ्यास वर्ग' नाम दिया है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक बार फिर से अपने ही सांसदों को चौंका दिया.

प्रधानमंत्री, पार्टी अध्‍यक्ष ज्‍यादातर मंच पर ही रहते हैं. लेकिन इस अभ्‍यास वर्ग में एक सत्र के दौरान खुद पीएम मोदी सांसदों के साथ पीछे वाली पंक्‍त‍ि में जाकर बैठ गए. उन्‍होंने वहीं से पूरे सत्र को सुना. उनके आगे की पंक्‍त‍ि में दिल्‍ली से सांसद मनोज तिवारी बैठे थे. खुद मनोज तिवारी ने पीएम की ये तस्‍वीरें शेयर की.

सूत्रों के अनुसार, इस कार्यशाला (वर्कशॉप) का मुख्य उद्देश्य संसद में सांसदों द्वारा समय की पाबंदी और अनुशासन बनाए रखना है. कार्यक्रम की शुरुआत नड्डा के उद्घाटन भाषण से हुई. शाम को पार्टी अध्‍यक्ष और गृहमंत्री अमि‍त शाह संसद में सांसदों की भूमिका के बारे में बात करेंगे और रविवार को मोदी कार्यशाला को संबोधित करेंगे.

सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में पहले से ही 'अभ्यास वर्ग' नामक कार्यक्रम चलाया रहा है. यह खासकर युवा और पहली बार चुनकर आए सांसदों के साथ ही अनुभवी सांसदों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से परिचित कराने का एक तरीका है.

इससे पहले मोदी ने सभी मंत्रियों को घर से काम करने से बचने का निर्देश देते हुए रोजाना समय पर कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया था. उन्होंने पहली बार सांसदों को अनुशासन और समय की पाबंदी बनाए रखने पर जोर दिया.

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने नव-निर्वाचित सांसदों को प्रचार के जाल में न पड़ने का निर्देश देते हुए मीडिया से बात करते समय सावधानी बरतने की भी नसीहत दी. उन्होंने उन्हें वीआईपी कल्चर को दूर करने के लिए भी कहा.

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