Affordable Housing Price: राजधानी द‍िल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रियल एस्टेट कंपनियों से पर्यावरण अनुकूल निर्माण टेक्‍नोलॉजी अपनाने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने र‍ियलएस्‍टेट सेक्‍टर के शीर्ष निकाय क्रेडाई को 20 प्रमुख शहरों की एयर क्‍वाल‍िटी पर निर्माण गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक टीम गठित करने का सुझाव दिया. गोयल ने प्रॉपर्टी के डेवलपमेंट से जुड़ी कंपनियों का टॉप बॉडी क्रेडाई (Credai) के 25वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा क‍ि कंपनियों से शहरी क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों के प्रसार को रोकने के लिए कम किराये वाले हाउस‍िंग प्रोजेक्‍ट बनाएं.


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प्रीकास्ट फैब्रिकेशन यूज करने से घटेगा प्रदूषण


केंद्रीय मंत्री ने क्रेडाई मेंबर को रियल एस्टेट डेवलपमेंट और री-डेवलपमेंट में मौकों का फायदा उठाने के लिए विदेशी बाजार में दस्तक देने पर विचार करने का भी सुझाव दिया. गोयल ने कहा, ‘मैंने क्रेडाई से कम-से-कम बड़े शहरों या देश के 20 प्रमुख शहरों में स्‍टडी के लिए एक टीम गठित करने पर विचार करने के लिए कहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि निर्माण का प्रदषूण पर क‍ितना असर है और क्या इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है.’ मंत्री ने कहा कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए स्टील और ‘प्रीकास्ट फैब्रिकेशन’ (पहले से तैयार) का यूज करना बेहतर निर्माण तकनीक को अपनाने की जरूरत है. बेहतर तकनीक अपनाने से कंस्‍ट्रक्‍शन में भी रफ्तार आएगी.


पॉल्‍यूशन लेवल कम करने के ल‍िए म‍िशन के रूप में काम करें
गोयल ने कहा, ‘मुझे पूरा व‍िश्‍वास है क‍ि इससे हमें एक्यूआई (AQI) और पॉल्‍यूशन लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है.’ उन्होंने क्रेडाई से इसे एक मिशन के रूप में लेने और सरकार को रिपोर्ट करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि किराये का घर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सरकार आगे आने को इच्छुक है. हमने पहले एक योजना शुरू की है. आप अपने उद्योग के साथ इस पर चर्चा करने को इच्छुक हैं कि आगे चलकर किफायती किराये के घर कैसे बना सकते हैं. इससे आने वाले समय में इस पर फोकस क‍िया जाएगा क‍ि किसी को भी झुग्गी में नहीं रहना पड़े.’


ब्याज पर पूरी टैक्‍स र‍िबेट द‍िये जाने की मांग
इससे पहले र‍ियल एस्‍टेट सेक्‍टर की बॉडी क्रेडाई ने सरकार से किफायती और म‍िड‍िल क्‍लास इनकम वाले लोगों के लिए घरों की मांग को बढ़ावा देने के लिए होम लोन के री-पेमेंट पर द‍िये गए ब्याज पर पूरी टैक्‍स र‍िबेट का फायदा देने के ल‍िए कहा. 25वें स्थापना दिवस के मौके पर क्रेडाई की तरफ से अगले एक साल में 1,000 स्कूल खोलने की घोषणा की गई. क्रेडाई ने इस मौके पर मांग की कि अर्फोडेबल हाउस‍िंग की परिभाषा को बदला जाना चाहिए. इसकी मौजूदा 45 लाख रुपये की ल‍िमि‍ट को बढ़ाकर कम-से-कम 75-80 लाख रुपये किया जाना चाहिए.


75-80 लाख तक के घर पर 1 प्रत‍िशत जीएसटी लगाएं
क्रेडाई प्रेसीडेंट बोमन ईरानी ने स्‍थापना द‍िवस के मौके पर सुझाव दिया कि सरकार को किफायती और म‍िड‍िल क्‍लास के ल‍िए घरों की बढ़ती मांग को बढ़ावा देने के लिए 75-80 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माणाधीन मकानों पर 1 प्रतिशत जीएसटी लगाना चाहिए. अभी 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले निर्माणाधीन किफायती घरों पर 1 प्रतिशत जीएसटी है. लेक‍िन 45 लाख से ज्‍यादा की लागत वाले निर्माणाधीन घरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी है.


मंजूरियां हासिल करने में लग जाते हैं 12 से 18 महीने
क्रेडाई के निर्वाचित अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा कि होम लोन पर दिये जाने वाले ब्याज पर मौजूदा दो लाख रुपये की छूट के बजाय 100 प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए. ईरानी ने कहा कि 100 प्रतिशत कटौती से मांग में तेजी आएगी. अभी इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 24 के तहत खुद के मकान के लिए ल‍िये गए लोन के ब्‍याज पर दो लाख रुपये तक की छूट सीम‍ित है. क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि रियल एस्टेट प्रोजेक्‍ट को विकसित करने के लिए रियल एस्टेट कंपनियों को तमाम सरकारी मंजूरियां हासिल करने में 12 से 18 महीने का समय लगता है. मंजूरी में लगने वाले समय को कम करने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर बनाने की जरूरत है. (इनपुट भाषा से भी)