Akshaya Tritiya 2020: अक्षय तृतीया पर बीज मंत्र से पूजा, Lockdown में ऐसे करें गंगा स्नान
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Akshaya Tritiya 2020: अक्षय तृतीया पर बीज मंत्र से पूजा, Lockdown में ऐसे करें गंगा स्नान

परशुराम,बद्रीनाथ के नर नारायण,और हयग्रीव,तीनों भगवान का अवतार अक्षय तृतीया से जुड़ा है. इन तीनों की आराधना करने से अवश्य तृतीया सफल हो सकती है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर )

नई दिल्ली: आज (26 अप्रैल) अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) का त्योहार मनाया जा रहा है. लाकडाउन के चलते लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हैं. देशभर के मंदिर भी बंद हैं ऐसी स्थिति में आपको अपने घरों में रहकर ही विष्णु भगवान की अराधना करनी चाहिए. हम आपको बता रहे हैं अक्षय तृतीया पर बीज मंत्र से पूजा और लॉकडाउन में घर में रहकर कैसे गंगा स्नान करें. 

  1. परशुराम, बद्रीनाथ के नर नारायण,और हयग्रीव तीनों भगवान का अवतार अक्षय तृतीया से जुड़ा है.
  2. तीनों की अलग-अलग पूजा करने की बजाए भगवान विष्णु की पूजा से भी सर्वश्रेष्ठ फल मिलेगा.
  3. आचार्य मृदुलकांत शास्त्री के अनुसार बीज मंत्र है - ॐ विं विष्णवे नमः ।।

परशुराम, बद्रीनाथ के नर नारायण,और हयग्रीव तीनों भगवान का अवतार अक्षय तृतीया से जुड़ा है. इन तीनों की आराधना करने से अवश्य तृतीया सफल हो सकती है. तीनों की अलग-अलग पूजा करने की बजाए आप भगवान विष्णु की पूजा भी कर लें तो भी सर्वश्रेष्ठ फल मिलेगा. आचार्य मृदुलकांत शास्त्री के अनुसार बीज मंत्र है - ॐ विं विष्णवे नमः ।।

आपको इसी बीज मंत्र के आधार पर पूजा करनी है. आज गंगा-नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में नहाने की परंपरा है लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये संभव नहीं, इसलिए एक लोटे में गंगाजल या पवित्र जल युक्त पानी लें उस पर हाथ रखें और नदियों का नाम लें. 

गंगा सरस्वती सिंधु ब्रह्मपुत्र,क्षिप्रा च गंडकी
कावेरी यमुना रेवा नर्मदा गोदावरी महानदी।।

अब इस लोटे‌ का पानी बाल्टी में डाल दें और नहाते समय भी नदियों का नाम लेते रहें. ध्यान रहे अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को दोपहर 1:25 तक ही रहेगी उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी. इसलिए इससे पहले पूजा करलें. वैसे तो अक्षय तृतीया का पूरा समय शुभ मुहूर्त होता है किंतु 12:05 पर अभिजीत मुहूर्त है इस समय पूजा विशेष फलदाई है.

इस दिन पिंडदान करें यदि नहीं तो पितृतर्पण अवश्य करें इससे पितृ तृप्त होंगे. घड़े का दान करें,सत्तू,ऋतु फल आम ककड़ी, चने की दाल, छाता का दान करें. कहीं वाटर कूलर या पानी उपलब्ध करा सकें तो अवश्य करें.

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इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है यह सर्वश्रेष्ठ समय है दवाइयों के दान का, दवाइयों के दान करने पर पॉजिटिव एनर्जी अपने आप आपके पास आएगी. दवाई (औषधि) के दान से चंद्रमा की एनर्जी हमारे आजू बाजू मजबूत होती है. चंद्रमा की किरणों से औषधियों में बल आता है. औषधि दान से महामारी से लड़ने का बल मिलेगा.

ज्योतिष घटनाओं के अनुसार इस समय सूर्य चंद्र और मंगल अपनी उच्च राशि में है जबकि शुक्र और शनि अपनी अपनी राशि में है. रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है यह सर्वश्रेष्ठ होता है किंतु चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी है और चंद्रमा मन का कारक है इसलिए मन का विचलन संभव है. वृष राशि के चंद्रमा का स्वामी शुक्र है इससे भावुकता और भी बढ़ सकती है इसलिए पूजा के बाद ध्यानअवश्य करें यह अपार फलदाई होगा.

आज के दिन जो भी काम करते हैं वह अक्षय माना जाता है इसलिए सोना खरीदने की परंपरा है लेकिन देखा जाए तो दान की परंपरा उससे बड़ी है , दान देंगे तो आप दान देने योग्य बनेंगे. यानी सक्षम बनेंगे बाकी धन-धान्य अपने आप आता रहेगा, इसलिए सोने की खरीदारी के साथ-साथ दान का भी ध्यान रखें.

जिन लोगों के घर में अशांति रहती है लड़ाई-झगड़े रहते हैं बवाल रहता है, कोई ना कोई परेशानी बनी रहती है कामों में अड़चन आते हैं, बाधाएं आती हैं, पैसों की तंगी हमेशा रहती है, उन्हें आज के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपाय जरूर करना चाहिए. यानि तर्पण पिंडदान आदि. यह भी ध्यान रहे की पूजा करते समय फल की चिंता नहीं करनी है केवल पूजा में मन लगाना है. अगर भगवान विष्णु को प्रसन्न कर रहे हैं तो विष्णु जी का ध्यान करना है. अगर पितरों को प्रसन्न कर रहे हैं तो अपने समस्त पितरों का ध्यान करना. पूजा-पाठ भी एक तरह का कर्म है इसलिए कर्म करते रहे.

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आचार्य मृदुलकांत शास्त्री

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