Kitne Din Pehne Kalawa: हाथ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है. लेकिन क्या इसे धारण करने की भी कोई अधिकतर समय सीमा होती है. अगर आप लंबे वक्त तक इसे पहने रहते हैं तो जातक पर कैसा असर पड़ता है.
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Kalawa Kitne Din Pahnna Chahiye: सनातन धर्म में हाथ में कलावा यानी रक्षा सूत्र पहनने का खास महत्व माना जाता है. घर में पूजा पाठ या हवन के बाद पंडित जी उपस्थित सभी लोगों के हाथ में यह रक्षा सूत्र बांधते हैं. कलाई में इस धागे को धारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा रहता है. कई लोग लंबे वक्त तक हाथ में कलावा पहने रहते हैं. क्या ऐसा करना सही होता है. कहीं लंबे वक्त तक हाथ में कलावा बांधने से कोई अशुभ प्रभाव तो नहीं होते. आज हम इस बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.
कलावा को क्यों माना जाता है खास
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि हाथ में कलावा क्यों पहना जाता है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, जब हाथ में कलावा बांधा जाता है तो पंडित जी कई मंत्रों का जाप करके भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा का आह्वान करते हैं. ऐसा करने से उस कलावे में तीनों देवों की शक्ति समाहित हो जाती है, जिसके उसे धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा उस जातक से दूर भागती हैं. मान्यता है कि यह कलावा व्यक्ति को नकारात्मक सोच, बीमारी और बुरी नजर से बचाता है. हालांकि समय बीतने के साथ-साथ उस कलावे का असर कम होने लगता है.
हाथ में कब तक धारण करना चाहिए कलावा?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, किसी भी कलावे को केवल 21 दिनों तक ही धारण करना चाहिए. इसके बाद उसके धागे टूटने लग जाते हैं या रंग उड़ जाता है. साथ ही कलावा गंदा भी होने लगता है. इसकी वजह से वह कलावा शुभ के बजाय अशुभ प्रभाव देने लगता है, जिसकी वजह से उसे पहनने पर नुकसान होता है.
उतारने के बाद कलावे का क्या करना चाहिए?
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, हाथ से कलावा उतारने के बाद उसे इधर-उधर कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए. उसे पेड़ पर लटकाना या मंदिर में रखना भी शुभ नहीं माना जाता है. इसके बजाय आपको उसे उतारकर साफ मिट्टी में दबा देना चाहिए. कहते हैं कि इस उपाय से धागा खराब होने से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा भी धरती में अंदर समा जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)