Basant Panchmi 2022: मां शारदे की विशेष कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, जानें 3 प्रभावशाली मंत्र
Advertisement

Basant Panchmi 2022: मां शारदे की विशेष कृपा पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, जानें 3 प्रभावशाली मंत्र

बसंत पंचमी का त्योहार बेहद खास माना जाता है. इसे श्रीपंचमी, वागीश्वरी जयंती और वसंत पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है. बसंत पंचमी (Basant Panchami) का उत्सव माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है.

सांकेतिक तस्वीर

Basant Panchmi 2022: बसंत पंचमी का त्योहार बेहद खास माना जाता है. इसे श्रीपंचमी, वागीश्वरी जयंती और वसंत पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है. बसंत पंचमी (Basant Panchami) का उत्सव माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष बसंत पंचमी (Basant Panchami) का उत्सव 5 फरवरी, शनिवार यानि आज मनाया जा रहा है. बंसत पंचमी का यह उत्सव ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय, घरों और मंदिरों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. जानते हैं सरस्वती पूजा (Saraswati Puja 2022) के लिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि. 

  1. बसंत पंचमी पर आज बन रहा है खास संयोग
  2. इन मंत्रों से करें मां सरस्वती की पूजा
  3. बन रहा है त्रिवेणी योग का खास संयोग

बसंत पंचमी/सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat)

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. साथ ही बसंत पंचमी पर मध्याह्न क्षण 12 बजकर 35 मिनट तक है. ऐसे में मां सरस्वती की पूजा मध्याह्न क्षण से पहले कर लेना शुभ रहेगा. 

सरस्वती पूजा विधि (Saraswati Puja Vidhi)

-मां सरस्वती की पूजा आरंभ करने से पहले स्नान कर सफेद या पीले वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजा की शुरुआत करें. पीला वस्त्र बिछाकर माता की प्रतिमा स्थापित करें. अक्षत, पीले फूल, पीले चंदन, सफेद चंदन, पीली मिठाई, दही, मिश्री, हलवा आदि प्रसाद के रूप में माता के सामने रखें. इसके बाद माता को सफेद चंदन, सफेद और पीले फूल दाएं हाथ से अर्पित करें. प्रसाद के तौर पर केसर मिश्रित खीर अर्पित करना अच्छा माना जाता है. हल्दी की माला पर 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः' इस मंत्र का जाप करना अच्छा रहेगा. मां सरस्वती की पूजा के दौरान नीले या काले कपड़ों का इस्तेमाल न करें. 

बसंत पंचमी पर बन रहा है त्रिवेणी योग

बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. बसंतोत्सव का पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय से मध्याह्न के बीच मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बना है. इसके अलावा सिद्ध योग शाम 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. वहीं 5 फरवरी की शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा. साथ ही इस दिन रवि योग का शुभ संयोग बनने से त्रिवेणी योग भी बन रहा है. 

बसंत पंचमी सरस्वती मंत्र (Basant Panchami Saraswati Mantra)

सरस्वती मंत्र-1

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता। 
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा ।।

सरस्वती मंत्र-2

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

सरस्वती मंत्र-3

सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news