Vijayadashami 2020 : शत्रुओं पर विजय पाना है तो आज दशहरे पर जरूर करें ये महाउपाय
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Vijayadashami 2020 : शत्रुओं पर विजय पाना है तो आज दशहरे पर जरूर करें ये महाउपाय

लंकापति रावण का वध करने से पहले भगवान श्रीराम ने किया था एक महाउपाय, जिसे करने पर शत्रु पर विजय अवश्य प्राप्त होती है. 

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. जिसे हम विजयादशमी के नाम से जानते हैं. आज ही के दिन भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध करके हमें असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया था. लंका का राजा रावण महाबलशाली था और उसे मारना इतना आसान नहीं था. जब यह युद्ध चल रहा था तो एक समय भगवान श्री राम युद्ध करते-करते एक समय हताश हो गए थे.  उस समय भगवान राम को याद दिलाया गया कि वे सूर्यवंशी हैं. रावण का वध करने के लिए अपने कुल देवता यानी प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव का ध्यान करें. इसके बाद भगवान राम ने सूर्य की उपासना करके दशानन का वध किया. उस समय भगवान श्री राम ने जिस मंत्रों के माध्यम से अपने कुल देवता की स्तुति की थी उसे हम आज आदित्यहृदय स्तोत्र के नाम से जानते हैं. 

  1. शत्रुओं पर विजय के लिए पढ़ें आदित्यहृदय स्तोत्र
  2. सूर्यदेव के संग जरूर जपें राम नाम का महामंत्र
  3. देवी अपराजिता, जया, विजया की साधना से सफल होंगे सारे काम

ऐसे करें सूर्य उपासना
भगवान भास्कर की उपासना के लिए यह काफी सिद्ध एवं प्रभावी स्तोत्र है. जिसका पाठ करने व्यक्ति अपने ज्ञात एवं अज्ञात शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है. यदि आप भी अपने जीवन में किसी बाधा या शत्रु से से परेशान हैं तो आज का दिन इस साधना को प्रारंभ करने के लिए अत्यंत शुभ है. सबसे अहम बात आज भगवान सूर्यदेव को समर्पित दिन यानि रविवार भी है. यदि अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त करना चाहते हैं या फिर आप चाहते हैं कि आपको प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और सम्मान की प्राप्ति होत तो आज विजयादशमी के दिन सूर्य भगवान को जल दें. सूर्य देवता को जल देते समय उसमें रोली और अक्षत मिलाना न भूलें. सूर्य देव को जल देते समय आप नीचे दिए गए मंत्र का जप करें — 

..ॐ घृणि सूर्याय नमः..

इसके बाद, पूरे सच्चे मन से भगवान भास्कर का ध्यान करते हुए आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. आज विजयादशमी के दिन भगवान सूर्य देव की इस उपासना से आपको सौभाग्य और श्री दोनों की प्राप्ति होगी. सूर्यदेव से मिलने वाले आशीर्वाद से आपके भीतर जो आत्मबल और साहस आएगा, उसके सामने आपके शत्रु आपके सामने घुटने टेक देंगे. निश्चय ही आपको विजय हासिल होगी. भगवान सूर्यदेव के इस महाउपाय को आप आज से शुरु करके प्रतिदिन करें. यदि प्रतिदिन न कर पाएं तो कम से कम रविवार के दिन जरूर करें. 

विजयादशमी के दिन जरूर करें श्रीराम की साधना
भगवान सूर्यदेव के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा करना बिल्कुल न भूलें. सूर्य उपासना करने के पश्चात् आप भगवान श्री राम का आशीर्वाद पाने के लिए एक माला 'श्री रामाय नमः' मंत्र का जप करें. आज प्रभु श्रीराम की अराधना के लिए उनकी स्तुति, रामायण पाठ, रामरक्षास्त्रोत आदि का पाठ करें. श्री रामरक्षास्तोत्र सभी बाधाओं के शमन के लिए अमोघ शस्त्र का कार्य करता है. यह एक अचूक उपाय है. आज दशहरे के दिन प्रभु श्रीराम की चरण पादुका का दर्शन और पूजन भी जरूर करें. आज के दिन शस्त्र की भी पूजा की जाती है.

देवी अपराजिता के पूजन से दूर होंगे दु:ख
शक्ति की साधना के नौ दिनों के बाद आज के दिन भगवान श्री राम की पूजा और अपराजिता पूजन का दिन है. देवी अपराजिता , जया, विजया के साथ सभी देवियों के पूजा करें. आज की इस पावन तिथि को भगवती के विजया नाम पर भी विजयादशमी कहा जाता है.

सुख-शांति के लिए करें शमी का पूजन 
आज के दिन शमी के पेड़ का विशेष रूप से पूजन किया जाता है. आज शमी की पूजा करने के पश्चात् आप उसकी जड़ की मिट्टी लेकर अपने घर में लौटें. यदि आपने घर में यह पौधा लगा रखा है तो शमी की जड़ वाली मिट्टी का तिलक करें आौर अपने घर के किसी पवित्र स्थान में रखें. इस उपाय से आपके घर की सारी बाधाएं दूर होंगी और परिवार में सुख शांति बनी रहेगी. आज विजयदशमी के दिन शाम के समय नीलकंठ पक्षी के दर्शन को अत्यंत शुभ माना गया है. यदि अवसर मिले तो जरूर करें.

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