महाअष्टमी के दिन कैसे करें मां महागौरी की पूजा? जानें विधि, मंत्र और आरती
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महाअष्टमी के दिन कैसे करें मां महागौरी की पूजा? जानें विधि, मंत्र और आरती

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि की अष्टमी को मां महागौरी की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों के बिगड़े काम बन जाते हैं. 

सांकेतिक तस्वीर

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के आठवें दिन माता रानी के 8वें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. इस चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार के दिन पड़ रही है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक मां महागौरी ने भगवान शिव की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की थीं. जिस कारण इनका शरीर काला पड़ गया. जब भगवान शिव ने मां महागौरी को दर्शन दिया तब उनकी कृपा से इनका शरीर गौर वर्ण का हो गया. जिसके बाद इनका नाम गौरी पड़ा. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में महागौरी की किस तरह से पूजा करनी चाहिए.

  1. मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
  2. शुक्र ग्रह से संबंधित बाधाएं होती हैं दूर
  3. मनचाहा जीवनसाथी की कामना होती है पूरी

माता महागौरी पूजा के लाभ

देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है. मां के इस स्वरूप की विधिवत पूजा करने से शादी से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी की कामना पूरी होती है. इसके अलावा शुक्र ग्रह से संबंधित बाधाएं भी दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. 

मां महागौरी की पूजा विधि

सुबह स्नान के बाद पीले या सफेद वस्त्र धारण करके मां गौरी की पूजा करें. माता के चित्र या प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें. पूजा में माता को सफेद या पीले फूल अर्पित करें. नैवेद्य के रूप में पीले या सफेद मिठाई अर्पित करें. इसके बाद मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें. 

मंत्र 

ओम् देवी महागौर्यै नमः

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा

या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

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महागौरी की आरती (Maha Gauri Ki Aarti)

जय महागौरी जगत की माया
जय उमा भवानी जय महामाया 

हरिद्वार कनखल के पासा
महागौरी तेरा वहां निवासा

चंदेर्काली और ममता अंबे
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे 

भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता 

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा

सती सत हवन कुंड मे था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया

शनिवार को तेरी पूजा जो करता
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता

चमन बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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