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नई दिल्ली: करियर में खूब ऊंचा मुकाम पाना सभी का सपना होता है. इसके लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं, खुद को अपडेट रखते हैं. लेकिन इस सबके बाद भी लोगों को कई बार योग्यता होने के बाद भी वो मुकाम नहीं मिल पाता है. चाणक्य नीति में इसके पीछे कुछ कारण बताए गए हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति कुछ ऐसी गलतियां कर बैठता है जो उसकी सफलता की राह में रोढ़े अटका देती हैं. ये गलतियां उसे सफल नहीं होने देती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की सफलता की नींव उसकी युवावस्था में ही रख जाती है. यदि वह इस समय अच्छे आचरण, मेहनत और ईमानदारी से काम करे तो पूरी जिंदगी सफलताएं उसके कदम चूमती हैं. वह खूब नाम कमाता है और बेशुमार संपत्ति का मालिक बनता है. जबकि युवावस्था में की गईं कुछ गलतियां उसका जीवन बर्बाद कर देती हैं. वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाता है और फिर पछतावा ही उसके हाथ आती है.
नशा: नशा करना व्यक्ति को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. नशे की लत उसकी निजी और कामकाजी लाइफ दोनों को बर्बाद कर देती है. जो लोग युवावस्था में ही नशा करने लगते हैं, वे अपने जीवन में बहुत पीछे रह जाते हैं. वे ना तो पर्याप्त धन कमा पाते हैं ना ही नाम कमा पाते हैं.
आलस्य: आलस्य बहुत बुरी चीज है यह योग्य से योग्य व्यक्ति की प्रतिभा को भी नष्ट कर देती है. युवावस्था में आलस्य करना तो जीवन को बर्बाद कर देता है. यही वह उम्र होती है जब व्यक्ति पूरी ऊर्जा से काम करता है और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दिन रात एक कर देता है. जबकि आलस्य करके वो अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण समय को गंवा देता है और फिर पूरी जिंदगी पछताता है.
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बुरी संगत: बुरी संगत व्यक्ति को अपने लक्ष्य से भटका देती है. वह अपने काम, लक्ष्यों को छोड़कर बेवजह की चीजों में समय गंवाने लगता है. युवावस्था का कीमती समय बुरी संगत की भेंट चढ़ जाता है. साथ ही कई मामलों में व्यक्ति पूरी जिंदगी के लिए बुराई और गुमनामी के अंधेरे में चला जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)