ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मूंगा आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है. हालांकि हर किसी को मूंगा पहनना भारी पड़ सकता है. मंगल से प्रभावित राशि के जितकों को मूंगा धारण करने की सलाह दी जाती है.
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नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में मूंगा को मंगल का रत्न माना गया है. चूंकि मंगल के ग्रहों का सेनापति माना जाता है. ऐसे में इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के अंदर दुश्मनों को परास्त करने की जबरदस्त शक्ति होती है. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक मंगल के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए मूंगा धारण करना चाहिए. परंतु, इसे किस प्रकार धारण करना चाहिए और इसे पहनने से कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मूंगा रत्न ऊर्जा का प्रतीक है. इसे धारण करने से आत्मविश्वास, साहस और शक्ति में वृद्धि होती है. हालांकि हर किसी को मूंगा पहनना महंगा भी पड़ सकता है. आमतौर पर मंगल से प्रभावित जातकों को मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मूंगा पहनने से पहले इसकी पहचान जरूर कर लेनी चाहिए. मूंगे की सही परख करने के लिए मूंगे पर एक बूंद पानी टपकाएं. फिर पानी की स्थिति को देखें. अगर मूंगे पर पानी टिक जाए तो वह असली नहीं है. मूंगा को पुखराज, मोती और माणिक के साथ धारण कर सकते हैं.
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मूंगा आंख मूंदकर धारण नहीं कर लेना चाहिए. इसे धारण करने से पहले किसी जानकार से जन्म कुंडली दिखा लेना चाहिए. बिना जन्म कुंडली दिखाए मूंगा धारण करने से दुर्घटना हो सकती है. साथ ही जीवन में बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है. मूंगा अगर सूट ना करे तो ये घातक परिणाम भी दे सकता है. इसके अलावा अगर कुंडली में शनि और मंगल की युति हो तो भी मूंगा धारण नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)