Devuthani Ekadashi 2019: देवोत्थान एकादशी आज, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें पूजा-विधि
trendingNow1594020

Devuthani Ekadashi 2019: देवोत्थान एकादशी आज, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें पूजा-विधि

कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. यह एकादशी दिवाली के बाद आती है.

Devuthani Ekadashi 2019: देवोत्थान एकादशी आज, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानें पूजा-विधि

नई दिल्ली: देवउठनी (Dev Uthani Ekadashi) या देवोत्थान एकादशी (Devuthan Ekadashi)) आज (8 नवंबर) को मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योग निद्रा से जाग जाते हैं और सृष्टि का कार्य-भार संभालते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन से ही सभी मंगल कार्य शुरू हो जाते है. इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है.  

कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. यह एकादशी दिवाली के बाद आती है. मान्यता है किक्षीरसागर में करीब 4 महीने की शयन के बाद भगवान विष्णु आज के दिन ही जागते हैं. इन 4 महीनों में हिंदू धर्म में कोई भी विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं. 

ये है पूजा विधि
सुबह उठकर स्नान आदि करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें. घर के आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाना चाहिए. एक ओखली में गेरू से चित्र बनाकर फल, मिठाई, बेर, सिंघाड़े, ऋतुफल और गन्ना रखकर उसे डलिया से ढांक देना चाहिए. रात्रि में घरों के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाने चाहिए. रात्रि के समय घर के सभी सदस्यों को भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए. देवउठनी एकादशी के दिन दान, पुण्य आदि का भी विशेष लाभ प्राप्त होता है. कहते हैं कि भगवान विश्णु को शंख की ध्वनि के साथ उठाना चाहिए. 

देवउठनी एकादशी मंत्र
'उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंदो, उत्तिष्ठो गरुणध्वज।
उत्तिष्ठो कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु।।'

Trending news