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नई दिल्ली. शनिवार 4 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है. ये सूर्य ग्रहण काफी खास माना जा रहा है. एक तो यह मार्गशीर्ष महीने की शनि अमावस्या के दिन लग रहा है. इसके अलावा इस ग्रहण पर राहु का भी साया रहेगा. जानकारों के अनुसार शनिवार को सूर्य ग्रहण के वक्त अशुभ योग रहेगा. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य राहू और केतु द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. इसलिए सूर्य कमजोर हो जाता है. इसका प्रभाव पूरी दुनिया में दिखाई देता है.
ये सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को सुबह 10:59 से दोपहर के 03:07 बजे तक रहेगा. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. यह खग्रास सूर्य ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध के देशों जैसे- ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अटलांटिक महासागर और दक्षिणी हिन्द महासागर में दिखाई देगा. इस ग्रहण का असर देश-दुनिया पर भी होगा. ग्रहण के दौरान ये माना जाता है कि ये हमारी सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है. आइए आपको बताते हैं कि ये कैसे आपकी सेहत पर असर डालता है.
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सूर्य ग्रहण के समय महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल चेंज आ सकते हैं. इसके इलावा गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष ख्याल रखना होता है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटने, शयन करने, पापड़ सेकने आदि उत्तेजक कार्यों से परहेज करना चाहिए और धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते हुए खुद को खुश रखने की कोशिश करें. इससे होने वाली संतान स्वस्थ और गुणों से भरपूर होती है. ग्रहणकाल के दौरान गर्भवती महिलाओं को पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगाना चाहिए और सुंदरकांड का पाठ करने की कोशिश करनी चाहिए.
ये भी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूरज की नकारात्मक किरणों से मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है. इसलिए इस दौरान कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें. मानसिक रूप से ईश्वर का जाप करना चाहिए.
ग्रहण को देखने के लिए, हर किसी सनग्लास पहनने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान नग्न आंखों से देखना सुरक्षित नहीं है. वेल्डिंग वाले काले ग्लास में से इसे देख सकते हैं. वैज्ञानिक भी ऐसा मानते हैं कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखो से देखना हानिकारक साबित हो सकता है.
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने के लिए मना किया जाता है. क्योंकि खाने को भी प्रभावित करता है. ऐसे में सलाह दी जाती है कि ग्रहण के दौरान न खाना खाएं और न ही बनाएं. क्योंकि सूर्य ग्रहण होने की वजह से खाना जल्द ही खराब हो जाता है. लेकिन दूध, घी, तेल, पनीर, अचार, मुरब्बा और भोजन सामग्रियों में तिल, कुश या तुलसीपत्र डाल देने से ये ग्रहण काल में दूषित नहीं होते. सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुश डालने की जरूरत नहीं है.
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कई मान्यताओं के अनुसार सूर्य का कनेक्शन हमारे शरीर से भी होता है. माना जाता है कि सूर्य की परिक्रमा हमेशा शरीर पर असर डालती है. लेकिन खगोलीय दृष्टि में हमारा शरीर सूक्ष्म होता है, इसलिए यह बदलाव न्यून रहता है और हम इसे महसूस नहीं कर पाते.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)