Chaitra Navratri Ashtami 2024: मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि चल रहा है. नवरात्रि की अष्टमी 16 अप्रैल, मंगलवार को है. यदि अष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती के कुछ महामंत्रों का जाप करें तो हर दुख दूर हो जाता है.
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Durga Saptshati Mantra: चैत्र नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए विशेष होते हैं. इसमें नवरात्रि की अष्टमी को तो बहुत खास माना गया है. इसलिए नवरात्रि की अष्टमी को महाअष्टमी और दुर्गा अष्टमी कहा जाता है. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ को विशेष माना गया है. मां दुर्गा की आराधना के लिए बताए गए मंत्रों, स्तोत्रों और साधना विधि में सबसे अचूक स्तोत्र दुर्गा सप्तशती ही माना जाता है. मान्यता है कि मार्कंडेय ऋषि ने इसकी रचना की थी. दुर्गा सप्तशती पाठ का एक-एक श्लोक एक महामंत्र है और इन मंत्रों का पाठ करने से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है.
दुर्गा सप्तशती पाठ
कई बार भक्तों के लिए दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ करना संभव नहीं होता है, ऐसे में वे रोजाना इसके कुछ अध्याय पढ़ते हुए, कुछ दिनों में दुर्गा सप्तशती पाठ पूरा करते हैं. वहीं कुछ लोग दुर्गा सप्तशती का इस तरह भी पाठ नहीं कर पाते हैं. वे लोग अष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती मंत्रों का पाठ करके भी मां दुर्गा का आशीर्वाद पा सकते हैं. दुर्गा सप्तशती के ये मंत्र बहुत प्रभावी हैं और हर दुख को दूर करके मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
दुर्गा सप्तशती के 7 महामंत्र
1 - ऐश्वर्य पाने शत्रु से निजात पाने का मंत्र
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
2 - सर्वकल्याण मंत्र
सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥
3 - सारी बाधाएं दूर करने वाला मंत्र
सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्याखिलेशवरी।
एवमेय त्वया कार्यमस्माद्वैरि विनाशनम्॥
4 - बाधा मुक्ति और धन-पुत्र प्राप्ति मंत्र
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय॥
5 - सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र
देहि मे सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
6 - रोगनाशक मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टातुकामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
7 - भय नाश करने का मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥
एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्।
पातुन: सर्वभीतिभ्य: कात्यायनि नमोस्तु ते॥
दुर्गा सप्तशती मंत्र जाप के नियम
दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप करने के कुछ नियम हैं. जिनका पालन करना जरूरी है, तभी उसका पूरा फल मिलता है. नियमानुसार दुर्गा सप्तशती मंत्र जाप करने के लिए अपनी आवश्यकता के अनुसार मंत्र का चुनाव करें. फिर अष्टमी के दिन उस मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें. मंत्र जाप लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से करें. संभव हो तो अष्टमी का व्रत करें और यदि नहीं कर रहे हैं तो सात्विक भोजन ही करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)