दशहरा का धार्मिक महत्व तो है ही लेकिन यह त्योहार आज भी बेहद प्रासंगिक है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है, जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया.
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नई दिल्ली: देशभर में आज (08 अक्टूबर) असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा (Dussehra) मनाया जा रहा है. भारत देश में इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरा या विजयदशमी भी दीवाली और होली की ही तरह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. मान्यता है कि इस दिन भगवान राम (Lord Rama) ने लंका नरेश रावण का वध किया था, वहीं देवी दुर्गा (Goddess Durga) ने भी इस दिन महिषासुर का वध किया था, जिसके चलते इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. नवरात्रि (Navratri) के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्सव के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है.
दशहरा का शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ- 7 अक्टूबर, दोपहर 12:39
अपराह्न पूजा समय- 8 अक्टूबर, दोपहर 13:17 से 15:36
विजय मुहूर्त- 8 अक्टूबर, दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से लेकर 02 बजकर 29 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त- 8 अक्तूबर, दोपहर 14:50 मिनट
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रावण दहन मुहूर्त
इस बार रावण दहन 8 अक्टूबर को 16 बजकर 20 मिनट से 19 बजकर 20 मिनट के बीच किया जाएगा.
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दशहरा का महत्व
दशहरा का धार्मिक महत्व तो है ही लेकिन यह त्योहार आज भी बेहद प्रासंगिक है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है, जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया.
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दशहरा का महत्व
दशहरा का धार्मिक महत्व तो है ही लेकिन यह त्योहार आज भी बेहद प्रासंगिक है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है, जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया.