दशहरे पर करें इस पक्षी के दर्शन, घर में बढ़ता है धन-धान्य, साल भर होते हैं शुभ काम
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दशहरे पर करें इस पक्षी के दर्शन, घर में बढ़ता है धन-धान्य, साल भर होते हैं शुभ काम

पुराणों में नीलकंठ पक्षी  (Neelkanth bird) को शुभता का प्रतीक माना गया है. दशहरे के दिन हर सनातनी घर की छत पर जाकर नीलकंठ पक्षी को निहारने की कोशिश करता है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पुराणों में नीलकंठ पक्षी  (Neelkanth bird) को शुभता का प्रतीक माना गया है. दशहरे के दिन हर सनातनी घर की छत पर जाकर नीलकंठ पक्षी को निहारने की कोशिश करता है. माना जाता है कि यदि दशहरे पर इस पक्षी को दर्शन हो जाएं तो साल भर शुभ काम चलते रहते हैं. 

  1. रावण के वध के बाद भगवान राम ने की थी भगवान शिव की आराधना
  2. धरती पर भगवान शिव का प्रतिनिधि है नीलकंठ पक्षी
  3. पेड़ों या तारों पर दिख जाता है नीलकंठ पक्षी

रावण के वध के बाद भगवान राम ने की थी भगवान शिव की आराधना

किवदंतियों के मुताबिक लंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था. भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की  एवं ब्राह्मण हत्या के पाप से खूद को मुक्त कराया. तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रुप में धरती पर पधारे थे.

धरती पर भगवान शिव का प्रतिनिधि है नीलकंठ पक्षी
जनश्रुति और धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ही नीलकण्ठ है. इस पक्षी को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है. नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही रुप है. भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर धरती पर विचरण  करते हैं.

दशहरे पर नीलकंठ का दर्शन होता है शुभदायक
यह कोरेशियस बेन्गालेन्सिस) रोलर वर्ग का पक्षी है और मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है. दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत्‌ होते रहते हैं. सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है.

पेड़ों या तारों पर दिख जाता है नीलकंठ पक्षी
नीलकंठ को अक्सर प्रमुख पेड़ों या तारों पर देखा जाता है..यह पक्षी मुख्य रूप से प्रजनन के मौसम में नर की हवाई कलाबाजी के लिए जाना जाता है. यह अक्सर सड़क के किनारे पेड़ों और तारों में बैठे हुए देखे जाते है और आमतौर पर खुले घास के मैदान और झाड़ियों  के जंगलों में देखे जाते है. इन पक्षियों की सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती है. 

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कीड़े-मकोड़े खाकर किसानों की करता है मदद
नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवारा भी होता है, जो खेतों में कीड़ों को खाकर किसानों की फसलों की रखवारी करता है.वे अपने शिकार को पकड़ने के लिए जमीन पर उतरते हैं. जिसमें कीड़े, मकड़ी, बिच्छू, छोटे सांप और उभयचर शामिल हो सकते हैं. नीलकंठ को ओडिशा, कर्नाटक और तेलंगाना के भारतीय राज्यों द्वारा राज्य पक्षी के रूप में चुना गया है.

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