नई दिल्‍ली: तेल (Oil) हमारे जीवन की एक खासी उपयोगी चीज है और इसका संबंध शनि (Shani) से है. ज्‍योतिष में शनि को न्‍याय का देवता और बहुत अहम ग्रह माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति नकारात्‍मक होती है, उन्‍हें बेहतरी के लिए कई उपाय (Remedy) बताए जाते हैं, इनमें जिन चीजों का उपयोग होता है उसमें से तेल अहम चीज है. आज हम जानते हैं कि ज्‍योतिष (Astrology) के मुताबिक किस तेल का क्‍या उपयोग है. 


तेल और ज्‍योतिष के अनुसार उनके उपयोग 


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चमेली का तेल: हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी (Hanuman Ji) को सिन्दूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए. तेल का दीया नहीं जलाना है बल्कि उनके शरीर पर तेल लगाना है. कहते हैं कि ऐसा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.


सरसों का तेल: शनि ग्रह दूषित हो और काम बिगड़ रहे हों तो एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखकर उसे शनिवार के दिन शाम को शनि देव के मंदिर में रख आएं. इसके अलावा आप अलग से शनि देव को तेल चढ़ा भी सकते हैं. इस उपाय से आपके ऊपर शनिदेव की कृपा बनी रहेगी.


तिल का तेल: लगातर 41 दिन तक पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक लगाने से असाध्य रोगों में बहुत लाभ मिलता है और रोगी स्वस्थ हो जाता है. भिन्न-भिन्न साधनाओं व सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए भी पीपल के नीचे दीपक प्रज्वलित किए जाने का विधान है. 


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सबसे ज्‍यादा उपयोगी है सरसों का तेल 


सरसों के तेल का सेवन सेहत के लिए तो अच्‍छा होता ही है, इसके अलावा ज्‍योतिष में भी इसका बहुत महत्‍व है. यदि जातक किसी शारीरिक कष्ट से परेशान हो तो 
शनिवार को सवा किलो आलू और बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाकर, साथ में सवा किलो आटे की पूरियां सरसों के तेल में बनाकर अंधे, लंगड़े व गरीब लोगों को भोजन कराएं. कम से कम 3 शनिवार तक ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर हो जाता है. 


इसके अलावा धन प्राप्ति के लिए सरसों के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें. इससे संकट दूर होंगे और धन भी मिलेगा. वहीं खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए किसी भी आश्रम में आटा और सरसों का तेल दान करें.