Garuda Purana: दाह संस्कार के बाद पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखते हैं? जानें असली वजह
Advertisement

Garuda Purana: दाह संस्कार के बाद पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखते हैं? जानें असली वजह

Garuda Purana: मृत शरीर की आत्मा दोबारा उसके पास जाना चाहती है. यही कारण है कि दाह संस्कार के बाद पीछे मुड़कर आत्मा को यह पता चलता है कि उसके साथ अभी भी किसी का लगाव है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: सभी 18 पुराणों में एक गरुड़ पुराण ही ऐसा है जिसमें मरने के बाद की प्रक्रिया का जिक्र है. गरुड़ पुराण में भौतिक जीवन से इतर कई रहस्यमयी बातों का उल्लेख किया गया है. पुराणों में उल्लेख है कि आत्मा को कोई नहीं मार पाया है. इसके अलावा आत्मा शरीर को जलते हुए देखती है. मान्यता है कि दाह संस्कार के बाद लौटते समय इंसान को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे की वजह क्या है? यदि नहीं तो आगे जानते हैं इस बारे में. 

  1. गरुड़ पुराण में है मृत्यु के बाद की प्रक्रिया का जिक्र
  2. गरुड़ पुराण के मुताबिक कभी नहीं मरती है आत्मा
  3. आत्मा का रहता है शरीर से लगाव

आत्मा का रहता है शरीर से लगाव

गुरुड़ पुराण के अनुसार दाह संस्कार के बाद भी आत्मा का शरीर से लगाव होता है. मृत शरीर की आत्मा दोबारा उसके पास जाना चाहती है. यही कारण है कि दाह संस्कार के बाद पीछे मुड़कर आत्मा को यह पता चलता है कि उसके साथ अभी भी किसी का लगाव है. आत्मा शरीर के मोह में बंध जाती है जिसके बाद उसका निकल पाना मुश्किल होता है. यही एक कारण है कि दाह संस्कार के बाद कोई भी पीछे मुड़कर नहीं देखता है. दाह संस्कार के बाद पीछे मुड़कर न देखने से आत्मा को यह संदेश मिल जाता है कि अब उसके मोह में कोई शरीर नहीं है. 

संबंधियों से रहता है आत्मा का लगाव

गरुड़ पुराण के मुताबिक शरीर-दाह के बाद आत्मा संबंधियों के पीछे आने लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे दूसरे शरीर में प्रवेश की लालसा होता है. अगर कोई शव दाह के बाद पीछे मुड़कर देखता है तो आत्मा महसूस करती है कि उसके अंदर आत्मा के प्रति मोह है. ऐसे में वह इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाती है. 

शरीर में प्रवेश करने के बाद सताती है आत्मा

आत्मा किसी दूसरे इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाने के बाद उसे बहुत अधिक सताती है. इसके अलावा दाह संस्कार के बाद आत्मा ज्यादातर छोटे बच्चों और कमजोर दिल वालों के शरीर में प्रवेश करने का प्रयास करती है. इसलिए दाह संस्कार के लिए छोटे बच्चों अथवा कमजोर दिल वालों को श्मशान नहीं ले जाना चाहिए. अगर ये जाते भी हैं तो लौटते वक्त इन्हें सबसे आगे रखना चाहिए. साथ ही पीछे मुड़ने से मना करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news