Hanuman Jayanti 2023: बाल भी बांका नहीं कर पाएगी शनि, राहु-केतु की दृष्टि, गुरुवार को कर लें बस ये उपाय
Advertisement

Hanuman Jayanti 2023: बाल भी बांका नहीं कर पाएगी शनि, राहु-केतु की दृष्टि, गुरुवार को कर लें बस ये उपाय

Hanuman Jayanti 2023: हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस बार 12 साल बाद ऐसे संयोग बन रहे हैं.

 

फाइल फोटो

Hanuman Jayanti Upay: 30 मार्च को राम जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाए जाने के बाद उनके परम भक्त हनुमान जी का जन्मदिवस 6 अप्रैल को मनाया जाएगा. बता दें कि चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. बता दें कि इस बार गुरु आदित्य योग में हनुमान जन्मोत्सव 6 अप्रैल को मनाया जाएगा. ऐसा संयोग 12 साल बाद बन रहा है.

बता दें कि इस शुभ दिम सुबह के समय मंदिरों में चोला, ऋंगार, पूजन और महाआरती आदि की जाती है.  कई जगहों पर इस दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है. वहीं, कई जगहों पर गाजे-बाजे के साथ कई शोभायात्रा निकाली  जाती है. हनुमान जयंती का दिन कुछ खास समस्याओं से निजात पाने के लिए खास माना जाता है. इस दिन किए गए कुछ उपाय व्यक्ति की कई समस्याओं को खत्म कर देते हैं. जानें इस दिन शनि, राहु, केतु के दुष्प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है.

मंगल, शनि, राहु और केतु के प्रभाव से बचने के उपाय

ज्योतिषीयों का कहना है कि बृहस्पति प्रत्येक राशि में एक साल तक रहते हैं और उसके बाद गोचर करते हैं. 12 साल बाद गुरु आदित्य योग के संयोग में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा. मंगल, शनि, राहु और केतु के प्रभाव से बचने के लिए इस दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.

चमेली का तेल, सिंदूर और बर्क से करें ऋंगार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस दिन हनुमान जी को चमेली का तेल, सिंदूर और बर्क से हनुमान जी का ऋंगार करें. उनकी पूजा, आरती करें. इससे वे प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएंगे. हनुमान जी की कृपा से जातकों पर शनि, राहु और केतु  भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे.

ऐसे करें इस दिन व्रत और पूजा

हनुमान जयंती के एक दिन पहले शाम से ही ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें. जमीन पर सोएं, ब्रह्म मुहूर्त में उठें और प्रभु श्री राम,माता सीता और हनुमान जी का स्मरण करें. स्नान के बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड पाठ आदि करें. चना, गुड़, लड्डू का भोग लगाएं. पूजन सामग्री में गेंदा गुलाब, कनेर, सूरजमुखी के लाल पीले फूल, सिंदूर, केसर और चंदन अर्पित करें. सच्चे मन से की गई पूजा बजरंगबली की कृपा दिलाते हैं.

अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news